याद है आपको ये बचपन वाला मोती साबुन?, 80s में कीमत थी 25 रुपए थी और आज मिलता है 60 रुपए में

80 के दशक में मशहूर हुआ था ये मोती साबुन : 

चलो उठो, दिवाली आ गई है, मोती स्नान का समय हो गया है। पिछले कुछ सालों से हम दीवाली के मौके पर मोती साबुन का एक ऐसा ही विज्ञापन देख रहे हैं। लेकिन 80 के दशक में मोती साबुन का नाम ही काफ़ी था। उस दौर में ये साबुन इस कदर मशहूर हुआ कि अपनी महक के चलते अमीरों की पहचान बन गया था। 80 के दशक के इस मशहूर साबुन का निर्माण Tata Oil Mills Company (TOMCO) ने किया था। 

उस वक्त 25 रुपये का था साबुन और लग्ज़री साबुन के तौर पर पेश किया जाता था 

दरअसल, भारतीय बाज़ार में 80 के दशक में अधिकतर साबुन ‘चौकोर आकार’ में आते थे, लेकिन ‘टॉमको’ ने इस परंपरा को तोड़ते हुए ‘गोल आकार’ के साबुन बनाने की शुरुआत की। ये ‘गोल आकार’ का साबुन ही मोती साबुन था।  मार्किट में आते ही ये साबुन लोगों का ध्यान आकर्षित करने में क़ामयाब रहा और कुछ ही सालों में ये देश का नंबर वन साबुन बन गया। शुरुआती दौर में इसकी क़ीमत 25 रुपये के क़रीब थी, जो उस दौर में अन्य साबुनों की तुलना में बेहद महंगा था। कंपनी ने इसे लग्ज़री साबुन के तौर पर पेश किया था।

हैंडमेड सोप  और  आयुर्वेदिक  सोप ने इसकी जगह ले ली 

सन 1993 में टॉमको का हिंदुस्तान लीवर में विलय हो गया था। विलय के बाद ही मोती साबुन ने अपनी चमक खोनी शुरू कर दी और हिंदुस्तान लीवर ने भी इस ब्रांड पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। 90s के आख़िर तक Mysore Sandal Soap, Handmade Soap और  Ayurvedic Soap की मौजूदगी के चलते Moti Soap की मार्किट क़रीब क़रीब ख़त्म हो चुकी थी, बची कसर 2000s में मार्केट में आई कई मल्टीनेशनल कंपनियों ने पूरी कर दी। साल 2010 तक मोती साबुन का मार्केट सिमटकर केवल 20 %ही रह गया था। इसके बाद साल 2013 में हिंदुस्तान लीवर ने नए विज्ञापनों के साथ मोती साबुन को नए रूप में पेश किया और ये साबुन एक बार फिर अपनी चंदन और गुलाब की ख़ूबसूरत महक से लोगों को मोहित करने लगा।

आज कीमत 60 रुपये हो गयी है 

पिछले क़रीब 30 सालों से हिंदुस्तान लीवर कंपनी ही इस साबुन को बना रही है। भारत में आज भी कुछ लोग मोती साबुन इसलिए भी पसंद करते हैं क्योंकि इससे उनके बचपन की यादें ताजा हो जाती हैं। ये साबुन केवल 2 वैरिएंट गुलाब और चंदन में ही आता है। इसकी आपको छोटी और बड़ी दोनों ही पैकेजिंग मिल जाती है। आज 150 ग्राम वाले मोती साबुन की क़ीमत 60 रुपये है। हिंदुस्तान लीवर का दावा है कि ये साबुन आज भी पहले की तरह ही अपने गुणों के लिए मशहूर है। इस साबुन के इस्तेमाल से शरीर  लंबे समय तक तारोताज़ा बना रहता है और त्वचा पर भी झुर्रियां नहीं पड़ती । ऑयली त्वचा के लिए भी ये साबुन बेहद गुणकारी है। ठंड के दिनों में इस साबुन का इस्तेमाल करने से त्वचा ड्राई नहीं पड़ती। इसके साथ ही पिंपल्स वाले चेहरे पर इस साबुन के इस्तेमाल से पिंपल घटाने में मदद मिलेगी। 

 

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