यूं ही नहीं बने संगीत के बादशाह गुलशन कुमार , जाने कैसा रहा जूस की दुकान से लेकर सगीत की दुनिया तक सफर

दोस्तों आपको जैसा आपको पता है भजन सम्राट के नाम से मशहूर गुलशन कुमार आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है।  गुलशन कुमार फिल्म जगत के एक ऐसे कलाकार थे जिन्होंने अपनी मेहनत के बलबूते पर एक नया मुकाम हासिल किया था ।  बड़े दुःख की बात है की  गुलशन कुमार अब हमारे बीच नहीं रहे ,  लेकिन उनके भजन आज भी दर्शकों के जुबान पर है। आपको बता दे की -टी सीरीज के फाउंडर गुलशन कुमार की जिंदगी की कहानी किसी बॉलीवुड फिल्म से कम दिलचस्प नहीं है ।  दिल्ली में जूसे बेचने से लेकर एक म्यूजिक और फिल्म प्रोडक्सन कंपनी के मालिक बनने तक की उनकी यात्रा किसी जादुई कथा से कम नहीं है । ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें , तो चलिए जानते है –

गुलशन कुमार का परिवार –

गुलशन कुमार का जन्म 5 मई को एक पंजाबी परिवार में हुआ था । उनके पिता का नाम चंद्रभान  दुआ है जो दिल्ली के दरियागंज में एक जूस की दुकान पर काम करते थे और  गुलशन भी उनकी मदद किया करते थे।  लेकिन कुछ वक्त बाद उनके पिता ने सस्ती कैसेट्स और गाने रिकॉर्ड कर बेचने शुरू कर दिए और यहीं से गुलशन कुमार के करियर की शुरुआत हुई। आपको बता दे की गुलशन कुमार  ने दिल्ली के कॉलेज से ग्रेजुएशन किया।

टी सीरीज है भारत की सबसे बड़ी संगीत कंपनी-

गुलशन कुमार का करियर तब शुरू हुआ जब वे महज 23 साल के थे । तब उन्होंने परिवार की मदद से एक दुकान संभाली और रिकॉर्ड और ऑडियो कैसेट बेचना शुरू किया ।  कुमार शुरू-शुरू में भजन और भक्ति गीत स्थानीय गायकों की आवाज़ में रिकॉर्ड कराए और उनके कैसेट बहुत कम दाम में बेचे।  काम चल निकला और फिर उन्होंने फ़िल्म संगीत के व्यवसाय में उतरने का फ़ैसला किया।

इसके बाद गुलशन कुमार ने सुपर कैसेट इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनी बनाई जो आगे चलकर भारत में सबसे बड़ी संगीत कंपनी के नाम से मशहूर हुई और उसके बाद गुलशन कुमार को ‘कैसेट किंग’ भी कहा जाने लगा। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के नोएडा में प्रोडक्शन कंपनी खोली और धीरे-धीरे ये पॉपुलर हो गई। इसके बाद वह मुंबई आ पहुंचे जहां उन्होंने करीब 15 से ज्यादा फिल्में प्रोड्यूस की। बता दे उन्होंने साल 1989 में रिलीज हुई फिल्म ‘लाल दुपट्टा मलमल’ अपने करियर की शुरुआत की थ,  लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा सफलता हासिल हुई साल 1990 में रिलीज फिल्म ‘आशिकी’ से।

आपको बता दे की वर्तमान में उनकी कंपनी बेटा भूषण कुमार और बेटी तुलसी कुमार संभाल रही है। रिपोर्ट की मानें तो टी सीरीज का बिजनेस करीब 24 देशों के साथ-साथ 6 महाद्वीप में भी फैला हुआ है।

गुलशन कुमार थे भारत के सबसे ज्यादा टैक्स देने वाले शख्स-

aapko जानकार हैरानी होगी की महज 10 साल में ही गुलशन कुमार टी सीरीज के बिजनेस को 350 मिलियन तक पहुंचाने में कामयाब रहे थे। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने अपने करियर में कुमार सानू, अनुराधा पौडवाल, सोनू निगम जैसे मशहूर सिंगर को लांच किया। इसके बाद साल 1992 में वह भारत के सबसे ज्यादा टैक्स देने वाले कलाकार बन गए थे।

गुलशन कुमार ने अपने ऑडियो कैसेट व्यवसाय को ‘सुपर कैसेट इंडस्ट्रीज लिमिटेड’ नाम दिया, जिसे आज टी-सीरीज के नाम से जाना जाता है. धीरे-धीरे वह म्यूजिक इंडस्ट्री के सफल बिजनेसमैन में शामिल हो गए और ऑडियो कैसेट्स में उनकी सफलता के बाद, गुलशन कुमार ने फिल्म उद्योग की ओर एक कदम बढ़ाया । आपको बता दे की  उनकी धर्म में भी बहुत रुचि थी और उन्होंने वैष्णो देवी आने वाले भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन शुरू किया, जो आज भी जारी है ।

गुलशन कुमार का अंतिम वक्त –

12 अगस्त, 1997 को अंधेरी के जितेश्वर महादेव मंदिर के सामने उन्हें गोली मार दी गई थी । दो अज्ञात लोगों ने उन पर करीब 16 बुलेट की फायरिंग कर दी थी । इतना ही नहीं बल्कि उनके  ड्राइवर को भी छलनी कर दिया गया था। इसके बाद तुरंत गुलशन कुमार को अस्पताल ले जाया गया लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। कहा जाता है कि गुलशन ने अंडरवर्ल्ड की जबरन वसूली के बदले रुपये देने से इनकार कर दिया, जिसकी वजह से उसकी हत्या कर दी गई ।  इसके अलावा यह भी बताया गया है कि जब अबू सलेम ने गुलशन कुमार को हर महीने 5 लाख रुपये देने के लिए कहा तो गुलशन ने मना कर दिया और कहा कि इतने पैसे देकर वह वैष्णो देवी में भंडारा कराएंगे ।

 

 

 

 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *