सत्ते पे सत्ता – फिल्म नहीं ये है परिवार, मस्ती, उत्सव , जिंदगी, पिकनिक और पागलपन देखे
अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘ सते पर सत्ता ‘ 1982 , जिसका निर्देशन किया था – राज न सिप्पी ने
फिल्म का हिट संगीत दिया थे आर डी बर्मन ने जिसमे कई अन्य कलाकार थे किशोर डा , आशा जी , सपन , भूपेंद्र जी औऱ बोल लिखे थे गुलशन बावरा जी ने ।
अमिताभ के अलावा लावा इसमें थे सुधीर ( सोम ) शक्ति कपूर ( मंगल ) पेंटल ( बुध ) कंवलजीत ( गुरु ) परवेज ( शुक्र ) और सचिन ( सनी )
हेमा मालिनी और रंजीता का साथ थी मधु , आराधना , प्रेमा , आशा , रजनी और शोभी फिल्म में भी इनके नाम यही थे । फिल्म में अमिताभ का डबल रोले में था – रवि & बाबू
विजेंद्र और सारिका ने इसमें छोटी से भूमिका निभाई थी , फिल्म की शूटिंग का दौरान माँ बनने वाली थी लिहाजा अधिकांश द्र्श्यो में उन्होंने कपड़े वैसे पहने ताकि वह सहज लगे । फिल्म की शूटिंग मनाली में भी हुई । पूरी फिल्म एक पिकनिक की ही भाति थी फिल्म जिसमे प्यार, परिवार , मस्ती , त्याग , टांग खींचने वाले भाई , प्रेमिका , पति दोस्त सभी प्रकार का जबरदस्त मेल था । इसमें एक्शन , हास्य और संगीत का उन्मदा मिश्रन्ड देखने को मिलता है ।
फिल्म में एक विशेष प्रकार की जीप का इस्तेमाल किया थे जिसे राजस्थान में जुगाड़ कहा जाता है जो DG द्वारा चलाई जाती है , येह भी कहा जाता है सिप्पी साब ने अमिताभ को वेतन के स्वरूप उनको जुहू में एक बांग्ला दिया जिसका नाम है – जलसा
लेकिन फिल्म दो लोगों की थी: बच्चन और संगीतकार आर डी बर्मन। दोहरी भूमिका में, बच्चन देखने लायक हैं। वह फिल्म में तीन प्रकार के किरदारों में दिखते है उपद्रवी बड़ा भाई, एक प्यार में पागल जो अपनी पत्नी को तरबूज़ उपहार में देता है और एक खलनायक बोलता काम है बाल ग्रे है और आँखें भी भूरे रंग की हैं – प्रथम बार अमिताभ ने आँखों में लेंस इस्तेमाल किया था इसी फिल्म में अमिताभ ने शराब पीकर एक डायलाग बोलै की – दारू पीने से लीवर खराब हो जाता है बाद में कुछ ऐसा ही सीन उन्होने हम फिल्म में भी किया जब वह सोसाइटी में 2 किस्म के कीड़े की बात करते है ।
यहाँ फ़िल्म आपने आप में एक उत्सव है ,आज अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस पर विशेष : XoomXing