जानिए राजकुमार के वो दमदार डायलॉग्स जो आज भी लोगो की जुबां पर है , जिन्हे सुनकर थिएटर में बजने लगती थी तालियां

राजकुमार के दमदार डायलॉग्स सुनकर थिएटर में बजने लगती थी तालियां:

राजकुमार के ये डायलॉग कई दशकों के बाद भी लोगों के जहन में छपे हुए हैं। आज के दौर के लोग ने भले ही राजकुमार की ये फिल्में ना देखी हैं, लेकिन ये डॉयलॉग अक्सर उनके मुंह से सुनने को मिल जाते हैं। राजकुमार वो शख्सियत से थे, जिनके दमदार डायलॉग सुनकर थियेटर तालियों से गुंजने लगते थे।राजकुमार के एक ऐसे कलाकार थे, जिनके डायलॉग सुनने के लिए लोग थियेटर तक चले जाते हैं।आज भी यूट्यूब पर उनके सैकड़ों ऐसे डायलॉग मिल जाएंगे, जिन्हें लाखों लोगों ने देखा है।

मृत्यु के पस्चात भी लोगो के दिलो में जिन्दा है राजकुमार

3 जुलाई 1996 को राजकुमार ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया और इसी के साथ वो आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई। लेकिन अपनी फिल्मों के जरिये आज भी लोगों की यादों में राजकुमार जिंदा हैं, उनके जिंदादिल डायलॉग लोगों में जोश भर देते हैं।

1.जिनके घर शीशे के होते हैं

1965 में रिलीज हुई यश चोपड़ा की फिल्म ‘वक्त’ में राजकुमार का डायलॉग “चिनॉय सेठ, जिनके घर शीशे के बने होते हैं वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते” आज भी लोग नहीं भूले

2.‘बिल्ली के दांत गिने नहीं और चला शेर के मुंह में हाथ डालने’

फिल्म ‘बुलंदी’ में राजकुमार और डैनी के बीच की ये डायलॉगबाजी वाकई बेहद शानदार थी, इस फिल्म में राजकुमार एक प्रोफेसर के किरदार में थे और डैनी अमीर पिता की बिगड़ैल औलाद।

3.ना तलवार की धार से ना गोलियों की बौछार से वंदा डरता है तो सिर्फ परवर दिगार से

फिल्म ‘तिरंगा’ में राजकुमार के डायलॉग और उनका एक्शन सुपरपिट था।

4.हम अपने हुक्म के खुद मालिक हैं, हम अपने हुक्म से अंदर आए थे और अपने हुक्म से ही बाहर चले जाएंगे।

5.हवाओं के टकराने से पहाड़ में सुराख नहीं होते।

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