क्या आप जानते है राजेश खन्ना को स्टार बनाने के पीछे था शक्ति सामंत का हाथ , इसके पीछे है एक बड़ा दिलचस्प किस्सा
शक्ति सामंत को लोग ‘आराधना’, ‘कश्मीर की कली’, ‘अमर प्रेम’ जैसी फिल्मों की वजह से याद करते हैं। उन्होंने रोमांटिक दुनिया को बड़ी खूबसूरती से पर्दे पर उतारा। उनकी छत्रछाया में राजेश खन्ना और शम्मी कपूर सुपरस्टार बन गए, जबकि वे खुद स्टार बनने के लिए बंगाल के एक गांव से मुंबई आए थे, मगर मानो नियति ने उनके लिए पहले से एक बेहतर काम सोचा हुआ था। अगर शक्ति सामंत राजेश खन्ना पर मेहरबान न होते, तो शायद वे सुपरस्टार न होते
आपको बता दे की राजेश खन्ना ने शक्ति सामंत की ‘अमर प्रेम’, ‘आराधना’ और ‘कटी पतंग’ जैसी कालजयी फिल्मों में काम किया था। राजेश खन्ना ने फिल्म ‘आराधना’ के चलते पहली बार स्टारडम का स्वाद चखा था, पर एक समय ऐसा था जब शक्ति सामंत इस फिल्म को बनाने की इच्छा छोड़ दी थी।
मीडिया की माने तो, साल 1969 में शक्ति सामंत की फिल्म ‘एन इविनिंग इन पैरिस’ रिलीज हुई थी जो एक शानदार फिल्म होने के बावजूद चल नहीं पाई थी। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि सिनेमाहॉल मालिकों ने करीब 3 हफ्ते हड़ताल कर दी थी। शक्ति सामंत की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा और वे मुश्किलों से घिर गए। एक दिन, शक्ति सामंत अपने दफ्तर में बैठे हुए थे और अनिल कपूर के पिता सुरेन्द्र कपूर उनसे मिले और उन्हें अपनी फिल्म ‘एक श्रीमान एक श्रीमती’ दिखाई, ताकि फिल्म को लेकर उनकी राय जान सकें।
बता दे की शक्ति सामंत ने जब फिल्म का क्लाइमैक्स देखा तो उनका माथा ठनक गया जो उनकी फिल्म ‘आराधना’ के क्लाइमैक्स से मिल रहा था। दरअसल, दोनों ही फिल्मों की स्क्रिप्ट लेखक सचिन भौमिक ने लिखी थी, हालांकि शक्ति से सचिन कहते रहे कि क्लाइमैक्स पूरी तरह से नहीं मिलता, उनमें फर्क है। इससे शक्ति सामंत की सचिन भौमिक से नाराजगी कम नहीं हुई। कहते हैं कि शक्ति फिर गुलशन नंदा और मधुसूदन से मिले जो उनके लिए पहले भी फिल्मों की कहानी लिख चुके थे। दोनों ने फिल्म की कहानी सुधारने की पेशकश की।
जब शक्ति सामंत ने गुलशन नंदा से किसी दूसरी कहानी के बारे में पूछा, तो वे उनके पास एक कहानी लेकर पहुंच गए, जिस पर शक्ति सावंत फिल्म बनाने को तैयार हो गए, जो बाद में ‘कटी पतंग’ के रूप में पर्दे पर नजर आई। शक्ति सामंत ने ‘आराधना’ की स्क्रिप्ट पर फिल्म बनाने से मना कर दिया। जब गुलशन नंदा ने शक्ति सामंत से वजह पूछी, तो उन्होंने पूरी बात बता दी।
रिपोर्ट के अनुसार, शक्ति सामंत दोनों लेखकों के साथ अपने घर पहुंचे और रात 2 बजे ‘आराधना’ की कहानी पर काम किया। राजेश खन्ना के रोल को बढ़ाया गया और उन्हें डबल रोल दिया गया। फिल्म डिस्ट्रीब्यूटरों को आइडिया पसंद नहीं आया, पर शक्ति सामंत को स्टोरी पर भरोसा था। कुछ दिनों के बाद चीजें सामान्य हुईं और फिल्म तय योजना के हिसाब से बनी और 27 सितंबर 1969 को रिलीज हुई जो सुपरहिट रही।
फिल्म में राजेश खन्ना के अलावा शर्मिला टैगोर, फरीदा जलाल, मदन पुरी और सुजीत कुमार जैसे सितारों ने काम किया था। फिल्म के गानों से लेकर, कहानी और एक्टिंग हर बात शानदार थी. राजेश खन्ना सुपरस्टार बन गए थे। उन्हें फिर कभी पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं पड़ी। फिल्मकार शक्ति सामंत ने 9 अप्रैल 2009 को मुंबई में आखिरी सांसें ली थीं।