जब राजेंद्र कुमार ने दी बॉक्स ऑफिस पर बैक टू बैक 6 हिट फिल्में , तो बन गए वो बॉलीवुड के जुबली कुमार : देखे Photos
किसी एक्टर के फर्श से अर्श पर पहुंचने के तमाम दिलचस्प किस्से फिल्म इंडस्ट्री में हैं। कई लोग बॉलीवुड के इतिहास के बारे में जानने में खासी दिलचस्पी रखते हैं, ऐसे लोगों को ‘जुबली’ वेब सीरीज पसंद आ रही है। पर्दे के पीछे की सच्चाई से रूबरू करवाता ये सीरीज नई-नई मिली आजादी के दिनों की कहानी दिखा रहा है।
आपको बता दे की एक आम युवक को ग्लैमर वर्ल्ड का सितारा बनाने की कहानी ‘जुबली’ में दिखाई जा रही है। ऐसे में आपको बताते हैं कि हिंदी सिनेमा के असली जुबली कुमार के बारे में जिन्होंने अपने दम पर लगातार फिल्में हिट करवाई थी।
60-70 के दशक में जुबली कुमार का टाइटल राजेंद्र कुमार को मिला था। आज के तमाम एक्टर एक अदद हिट फिल्म के लिए तरस रहे हैं। अपनी फिल्मों को हिट करवाने के लिए प्रचार-प्रसार का हर हथकंडा अपनाने से गुरेज नहीं कर रहे हैं, लेकिन 60 के दशक में सिर्फ अपने अभिनय की बदौलत राजेंद्र कुमार की फिल्में 25 हफ्तों तक सिनेमाघरों से उतरती ही नहीं थी। राजेंद्र कुमार ने ऐसी 6 धड़ाधड़ फिल्में दी तो उनका नाम ही जुबली कुमार पड़ गया।
बता दे की बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर राजेंद्र कुमार का जन्म पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था। भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद अपना घर छोड़कर भारत आना पड़ा था। कड़ी मेहनत के बाद फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई।
उन्हें तो ये भी कहा गया था कि एक्टिंग तुम्हारे वश की बात नहीं है। एक के बाद राजेंद्र कुमार ने 6 सुपरहिट फिल्में देकर अपने नाम का सिक्का इंडस्ट्री में जमा दिया। 6 फिल्में 25 हफ्ते से अधिक सिनेमाघरों में लगी रहीं। इसी वजह से राजेंद्र कुमार को ‘जुबली कुमार’ का टाइटल मिल गया। राजेंद्र जिस फिल्म में होते, उसे हिट होना तय माना जाता था।
अपने पूरे फिल्मी करियर में 80 से अधिक फिल्मों में काम किया था। 60 के दशक में फिल्मों को सफल बनाने की गारंटी लेने वाले एक्टर राजेंद्र कुमार ने ‘वचन’, ‘आरजू’, ‘संगम’, ‘गीत’, ‘सूरज’, ‘दिल एक मंदिर’, ‘मेरे महबूब’, ‘गंवार’, जैसी सुपरहिट फिल्में इंडस्ट्री को दी. राजेंद्र कुमार ने फिल्में भी बनाई।
सफल होने पर राजेंद्र कुमार ने समंदर किनारे बना एक्टर भारत भूषण का बंगला खरीद लिया। इसे रेनोवेट करवा कर अपनी बेटी के नाम पर बंगले का नाम ‘डिंपल’ रखा। फिर समय का पहिया घूमा राजेश खन्ना का समय आया और राजेंद्र कुमार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी लिहाजा राजेश ने राजेंद्र कुमार का बंगला खरीद लिया।
दरअसल, राजेश इस बंगले को लकी मानते थे और राजेश ने नाम बदलकर ‘आशीर्वाद’ रख दिया। इसी बंगले में रहते हुए राजेश ने एक के बाद 17 हिट फिल्में देकर राजेंद्र कुमार का रिकॉर्ड तोड़ हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार बन गए।