राज कपूर से जुड़ा यह किस्सा है बहुत ही दिलचस्प , जब जमीं पर सोने के कारण होटल में भरना पड़ा जुर्माना
राज कपूर से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा:
राज कपूर जिन्होंने ‘मेरा नाम जोकर’, ‘आवारा’, ‘श्री 420’ जैसी फिल्मों से दर्शकों का मनोरंजन किया उन्होंने एक नया अध्याय लिखा है। राज कपूर ने अभिनय के साथ-साथ डायरेक्शन, प्रोडक्शन और राइटिंग में भी हाथ आजमाया और सफल भी रहे। तीन नेशनल अवॉर्ड,11 फिल्मफेयर अवॉर्ड्स, पद्म भूषण,दादा साहब फाल्के अवॉर्ड भी जीते। ऐसे ही राज कपूर को हिंदी सिनेमा का शोमैन नहीं कहा जाता है। हिंदी सिनेमा के लिए राज कपूर क्या थे, क्या हैं और क्या रहेंगे इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। राज कपूर ऐसे शख्स थे जिनकी शोहरत के चर्चे सिर्फ भारत ही नहीं विदेशों में भी थे। दिलचस्प बात यह रही कि इतनी बड़ी शख्सियत होने के बावजूद वह ताउम्र सिर्फ जमीन पर सोए। तो जानिए यह दिलचस्प किस्सा।
बड़ी शख्सियत होने के बाद भी जमीन पर सोते थे
कभी पिता के स्टूडियो में झाड़ू लगाने वाले राज कपूर की सादगी के किस्से इंडस्ट्री में बहुत पॉपुलर हैं। उनके बारे में कहा जाता था कि वह चाहे घर में हों या बाहर, कभी बेड पर नहीं सोते थे। उनका गद्दा हमेशा जमीन पर बिछता था। उन्हें वहीं नींद आती थी। इस बारे में राज कपूर की बेटी ऋतु नंदा ने भी एक इंटरव्यू के दौरान बताया था। उन्होंने कहा था कि राज कपूर साहब जिस भी होटल में ठहरते थे। अपने कमरे में पलंग का गद्दा खींचकर जमीन पर बिछा लेते थे। इस कारण कई बार उन्हें मुसीबत भी उठानी पड़ी थी।
इस बजह से भरना पड़ा था जुर्माना
दरअसल एक बार राज कपूर लंदन के एक होटल के कमरे में रुके थे। उन्होंने वहां जमीन में अपना बिस्तर लगा लिया, जिसके बाद होटल वालों ने उनको चेतावनी दी। अगले दिन फिर राज कपूर ने यही किया। उन्होंने दोबारा उसी तरह गद्दा नीचे उतराकर बिछा दिया, तो होटल मैनेजमेंट ने उन पर जुर्माना लगा दिया, जिसके बाद राज कपूर ने खुशी-खुशी जुर्माना भरा था।
अपने पिता के स्टूडियो में करते थे यह काम
राज कपूर की गिनती उन महान कलाकारों में होती है, जिन्होंने भारतीय सिनेमा को विदेशों तक पहुंचाया। राज कपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर भले ही फिल्मों के सबसे बड़े हीरो थे, लेकिन राज कपूर को अपनी अलग पहचान बनाने में काफी मेहनत करनी पड़ी थी। राज कपूर ने पहली नौकरी अपने पिता के स्टूडियो में की। राज कपूर को 1 रुपए महीने सैलेरी मिला करती थी, तब वह अपने पिता के कपूर स्टूडियो में झाड़ू लगाने का काम करते थे।