बॉलीवुड के वो विलेन जिनके बिना अधूरी थी बॉलीवुड की कई फिल्में , लेकिन फिर भी हमेशा बहन के नाम से मिली पहचान
फिल्मी दुनिया में कई ऐसे कैरेक्टर आर्टिस्ट रहे हैं, जिनका काम इतना अच्छा था कि वे फिल्मों की जान बन जाया करते थे। या यूं कहें कि हर फिल्म में इनका होना जरूरी सा हो गया था।
आपको बता दे पुराने दौर के एक ऐसे ही विलेन है अनवर हुसैन , जिन्होंने अपनी अदाकारी से बॉलीवुड की कई फिल्मों को सजाया है। पर्दे पर विलेन की भूमिका में नजर आने वाले अनवर असल जिंदगी में काफी खुश मिजाज थे और पान खाने के बेहद शौकीन थे।
अनवर हुसैन का जन्म 11 नवम्बर 1925 को कोलकाता में हुआ था। उनकी मां का नाम जद्दन बाई था जो अपने जमाने की मशहूर क्लासिकल सिंगर थीं। अनवर के एक बड़े भाई थे जिनका नाम अख्तर हुसैन था, जो फिल्म निर्माता था। इसके अलावा अनवर की एक छोटी बहन थी, जो अपने दौर की फेमस एक्ट्रेस थीं और यही अनवर के लिए परेशानी का सबब बन गया था। हम बात कर रहे हैं ‘नरगिस दत्त’ की।
बता दे की नरगिस ने अपने दौर में काफी नाम कमाया और हर कोई उनकी अदायगी का कायल था। ऐसा नहीं था कि अनवर और नरगिस के रिश्ते बेहतर नहीं थे या फिर वे नरगिस की सफलता से परेशान था। उन्हें मलाल था तो सिर्फ एक बात कि उनकी अपनी कोई पहचान इंडस्ट्री में नहीं बन पा रही थी। उन्हें सिर्फ नरगिस के बड़े भाई के तौर पर ही पहचान मिल रही थी।
अनवर ने चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर फिल्म ‘राजा गोपीचंद’ से फिल्मी दुनिया में कदम रखा था। उस समय उनकी उम्र महज 11 साल थी। चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर काम करने के बाद बड़े होने पर वे काम की तलाश में भोपाल गए, लेकिन उन्हें इतनी सफलता नहीं मिली और वे वापस मुंबई लौट गए।
इसके बाद 1943 में उन्हें फिल्म ‘संजोग’ के जरिए फिल्मों में ब्रेक मिला। बता दे की इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में अपने अभिनय से पहचान बनाई। 1 जनवरी 1988 को 62 साल की उम्र में उनका मुंबई में निधन हो गया था।