परेश रावल : अंधविश्वास और भगवान के खिलाफ बगावत पर आधारित है, फिल्म ‘ओह माई गॉड’

फिल्म ‘ओह माई गॉड’ :

हर कोई भगवान को पूजता है, आप भी पूजते होंगे। लेकिन क्या कभी आपका किसी सच्चे नास्तिक से पाला पड़ा है। जो लोग अपने आपको नास्तिक समझते हैं लेकिन हम आज आपको एक सच्चे नास्तिक से मिलवाएंगे। हम यह ‘परेश रावल’ की फिल्म ‘ओह माई गॉड’ की बात कर रहे हैं। तो चलिए हम आपको बताते हैं आखिर ‘ओह माई गॉड’ है किस तरह की फिल्म है ।

ये थी फिल्म की कहानी 

कानी लालजी मेहता एक  नास्तिक इंसान है ,  लेकिन वह चोर बाजार में मूर्तियां बेचने का काम सालों से कर रहा है। कानी जी को भगवान के किसी काम में दिलचस्पी नहीं है। एक भूंकप के कारण उसकी पूरी दुकान टूट जाती है और सारी मूर्तियां उस मलबे में दब जाती हैं। ‘गॉड आफ एक्ट’ के तहत उसे कोई मुआवजा नहीं मिलता है। इसलिए कानी जी अपने नुकसान के लिए गॉड के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज करवाता है। कानी लाल को उसका मुआवजा मिला या नहीं, इसके लिए तो आपको फिल्म देखनी होगी लेकिन कोर्ट में कानी की दलीलें और धर्म गुरूओं की सच्चाई को फिल्म की कहानी को बेहतरीन तरीके से पिरोया गया है।

मिथुन चक्रवर्ती ने एक मठाधीश की भूमिका निभाई थी 

परेश रावल का अभिनय काबिले तारीफ है। परेश ने साबित कर दिया है कि वह किसी भी रोल को संजीदगी से निभा सकते हैं। अक्षय कुमार कैमियो रोल में दिखाई पड़े लेकिन एक मॉडर्न भगवान के अवतार में अपने स्टंट दिखाने से बाज नहीं आए। मिथुन चक्रवर्ती ने एक मठाधीश की भूमिका को बेहतरीन तरीके से निभाया है। मिथुन दा कि अदाओ ने  लोगों का काफी मनोरंजन किया । फिल्म एक गुजराती नाटक पर आधारित है लेकिन निर्देशक उमेश शुक्ला ने फिल्म में नाटक के तत्व हावी नहीं होने दिए हैं। हालांकि फिल्म के फर्स्ट हाफ से ज्यादा सेंकेंड हाफ मजेदार, दिलचस्प और बांधे रखने वाला है। फिल्म बीच-बीच में कॉमेडी का पुट भी लिए हुए है, जो दर्शकों को हंसाता भी है।

सोनाक्षी सिन्हा का आइटम नंबर ‘गो गो गो गोविंदा’ हिट रहा 

सोनाक्षी सिन्हा का आइटम नंबर ‘गो गो गो गोविंदा’ फिल्म में सटीक बैठता है। इसके अलावा भी संगीत का फिल्म की कहानी से अच्छा तालमेल है और वह बोर नहीं करता।

 

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