‘दासी’ फिल्म के जरिये इस अभिनेता को मिला था पहला ब्रेक , इन सुपरस्टार्स के साथ भी किया काम

30 साल तक अपने हुनर से फिल्मो को सजाने वाले अभिनेता:

फिल्मों में अभिनय करने वाले कई अभिनेताओं के नाम हम नहीं जानते। लेकिन, वो कलाकार अपने शानदार अभिनय से ऐसी छाप छोड़ते हैं कि हम जिंदगीभर उन्हें नहीं भूल पाते। यकीनन आपने भी ओम प्रकाश की तस्वीर देखकर उन्हें पहचान लिया होगा। 60-70’s में तो वो फिल्मों की जान हुआ करते थे। 30 साल तक उन्होंने फिल्मों को अपने हुनर से सजाया।

12 साल की उम्र से ही शुरू कर दिया था संगीत सीखना 

19 दिसंबर, 1919 को जम्मू में जन्मे ओमप्रकाश ने 12 साल की उम्र से ही क्लासिकल संगीत सीखना शुरू कर दिया था। वो स्टेज पर ज्यादातर ‘कमला’ का किरदार अदा करते थे। संगीत के अलावा थियेटर और फिल्मों में उनकी दिलचस्पी थी। साल 1937 में उन्होंने रेडियो में काम करना शुरू किया। उनका शो ‘फतेह दिन’ पूरे पंजाब में फेमस हुआ। एक शादी में दावत के दौरान फिल्म डायरेक्टर डी पंचोली की नजर ओम प्रकाश पर पड़ी। पंचोली ने उन्हें लाहौर में अपने ऑफिस आने का न्योता दिया। उन्होंने ओम प्रकाश को ‘दासी’ फिल्म के जरिये फिल्मों में पहला ब्रेक दिया।

इन फिल्मो में भी दिखाया अपना हुनर 

फिल्म लखपति में ओम प्रकाश ने विलेन की भूमिका निभाई और लोगों का दिल जीत लिया। इसके बाद ‘लाहौर’, ‘चार दिन’ और ‘रात की रानी’ जैसी फिल्मों में काम कर उन्होंने अपने हुनर को साबित किया। उस दौर में दिलीप कुमार और राज कपूर जैसे बड़े सुपर स्टार के साथ काम करना बड़ी बात थी। ओम प्रकाश ने इन दोनों कलाकारों के साथ भी काम किया। इसके बाद वो सिनेमा जगत की बड़ी पहचान बन गए। ओम प्रकाश की जोड़ी अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र के साथ खूब बनी। ‘जंजीर’,’ शराबी’ और ‘चुपके’ जैसी हिट फिल्मों में उन्होंने दमदार अभिनय किया। बॉलीवुड में उन्हें ‘दद्दू’ के नाम से भी पहचान मिली।

300 से ज्यादा फिल्मो में कर चुके काम 

उन्होंने अपने करियर में 300 से ज्यादा फिल्में कीं, जिनमें ‘दस लाख’, ‘अन्नदाता’, ‘चरणदास’, ‘साधु और शैतान’, ‘दिल-दौलत-दुनिया’, ‘अपना देश’, ‘चुपके-चुपके’, ‘जूली’, ‘जोरू का गुलाम’, ‘आ गले लग जा’,’ प्यार किए जा’, ‘पड़ोसन’, ‘बुड्ढा मिल गया’, ‘शराबी’, ‘भरोसा’, ‘तेरे घर के सामने’, ‘मेरे हम-दम मेरे दोस्त’, ‘लोफर’, ‘दिल तेरा दीवाना‘ जैसी फिल्में शुमार हैं।

फिल्म निर्माण में भी आजमाया हाथ

एक्टिंग के साथ-साथ ओम प्रकाश ने फिल्म निर्माण में भी हाथ आजमाया। उन्होंने 60’s में फिल्म संजोग, जहांआरा और गेटवे आफ इंडिया जैसी फिल्में बनाईं। ओम प्रकाश को दिल का दौरा पड़ने पर उन्हें मुंबई में ही लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां वह कोमा में चले गए। 21 फरवरी, 1998 को उन्होंने आखिरी सांस ली।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *