ऐसा क्या हुआ था जो मीना कुमारी और कमाल अमरोही की सीक्रेट शादी , जो हमेशा रह गयी थी सीक्रेट
बता दे की मीना कुमारी और कमाल अमरोही ने सीक्रेट शादी की थी। लेकिन कहा जाता है कि इस शादी में मीना कुमारी बहुत ज्यादा खुश नहीं थीं। कमाल फिल्ममेकर होने के साथ-साथ एक उम्दा लेखक भी थे। चार दशक में महज चार ही फिल्में बनाईं।

कमाल अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी चर्चा में रहते थे। मीना कुमारी संग अपनी उनकी प्रेमकहानी को तो अक्सर चर्चा का विषय होती थी। पहले वो इस लव स्टोरी में मेड फॉर इच अदर बने और फिर दोनों की राहे जुदा हो गई।
बता दे की हिंदी सिनेमा के मास्टर कहे जाने वाले फिल्ममेकर कमाल अमरोही ने अपने करियर में पाकीजा, महल, रजिया सुल्तान और दायरा जैसी महज 4 फिल्मों पर काम किया।

बचपन से ही कमाल अमरोही काफी अच्छा लिखते थे, और इनकी जेलर फिल्म की लिखी स्क्रिप्ट सोहराब को भा गई थी। इसी के चलते उन्हें प्रोडक्शन ने 750 रुपए के कॉन्ट्रैक्ट पर रख लिया। कुछ फिल्में लिखने के बाद कमाल ने साल 1949 में फिल्म महल से बतौर डायरेक्टर अपने डायरेक्टर बनने की शुरुआत की। ये फिल्म हिंदी सिनेमा की पहली हॉरर फिल्म थी।

और फिर जब उनकी जिंदगी में मीना कुमारी की एंट्री हुई, तो दोनों ने गुपचुप तरीके से शादी रचाई और साथ रहने लगे, लेकिन कमाल बहुत एटीट्यूड वाले इंसान थे। एक इवेंट में उन्हें मीना कुमारी के पति के तौर पर मिलवाया गया तो वह भड़क गए थे। बात यहां तक पहुंच गई थी कि वह मीना कुमारी को वहां अकेला छोड़ गए। साथ ही कमाल ने उस शख्स को टोकते हुए कहा, ‘मैं मीना कुमारी का पति नहीं, कमाल अमरोही हूं और ये मेरी पत्नी मीना कुमारी है’।

ऐसा ही वाकिया था जब एक और पार्टी में मीना कुमारी कमाल अमरोही संग गई थीं और वहां अपना पर्स भूल आई थीं। घर आकर उन्होंने मीना कुमारी को पर्स दिया और मीना ने कमाल से पूछा कि क्या आपको कुर्सी पर रखा पर्स नहीं दिखा था तो कमाल ने उत्तर दिया था-दिखा था लेकिन आज पर्स उठाता और फिर कल चप्पल इसलिए मैंने उसे उठाना ठीक नहीं समझा।

इसी तरह धीरे-धीरे मीना कुमारी कमाल की पाबंदियों से परेशान हो गई और दोनों के रास्ते जुदा हो गए। मीना कमाल को छोड़कर अलग रहने लगीं। फिर 31 मार्च 1972 को मीना कुमारी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।