एक हसीन अदाकारा जिनकी पर्सनल लाइफ बन गई एक रहस्य , जाने काजल की लाइफ से जुड़े कुछ किस्से
वो खूबसूरत खूबसूरत एक्ट्रेस, जिनकी पहली फिल्म से ही इनकी अदाओं और सुंदरता के चर्चे अखबारों की सुर्खियां बन गई थीं, जो फिल्मी बैकग्राउंड से ना होने के बावजूद भी, बड़े डायरेक्टर की फिल्म से लॉन्च हुईं और अपनी पहली ही फिल्म से स्क्रीन पर छा गई।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपनी इस फिल्म में काम करने के लिए ये स्कूल बंक करके शूटिंग पर जाया करती थीं, और अपनी पहली ही फिल्म से रातों-रात स्टार बनीं इस अभिनेत्री को फिल्म समीक्षकों ने हिट फिल्म की फ्लॉप हीरोइन का तमगा दे दिया था। कौन थीं ये रहस्यमय अदाकारा और क्यों बेहद अजीब रहे रही इनकी जिंदगी आज बात बारे में
आपको याद है यह गाना हाय अल्लाह ये लड़का कैसा है दीवाना’, इस गाने में दिखने वाली अदाकारा काजल ही है। काजल बॉलीवुड की दुनिया से ताल्लुक नहीं रखती थी। उनका बैकग्राउंड फिल्मी नहीं था लेकिन इसके बाद भी उन्होंने यहां एंट्री ली और कई फिल्में की। 80 के दशक की एक हसीन अदाकारा काजल किरण। वह एक्ट्रेस जिन्हें टैलेंटेड और खूबसूरत होने के बावजूद कभी वह मुकाम हासिल नहीं हुआ, जिसकी वह हकदार थीं। काजल ने अपने 13 साल के छोटे करियर में लगभग 40 फिल्में की और फिर खामोशी से फिल्मी दुनिया को अलविदा कह गईं।
काजल किरण का जन्म 18 अक्टूबर 1958 में मुंबई में हुआ था। इनका असली नाम सुनीता कुलकर्णी था, लेकिन फिल्मों में आने के बाद इनका नाम बदल दिया गया। इनका परिवार एक मिडिल क्लास महाराष्ट्रीयन परिवार था। काजल किरण के मम्मी-पापा के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, क्योंकि एक तो वह फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े नहीं थे और दूसरा काजल भी अपनी पर्सनल लाइफ को काफी गोपनीय रखती थीं और इनके बारे में ज्यादातर कहानियां और किस्से ही सामने आते रहे हैं।
काजल किरण अपने भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं और उनके दो छोटे भाई भी थे। इनकी माता-पिता चाहते थे कि काजल पढ़-लिखकर डॉक्टर बनें लेकिन इनका मन तो एक्टिंग में लगता था, बचपन से ही बनने का सपना देखा करती थीं।
बता दे की पढ़ाई पूरी होने से पहले ही कुछ दोस्तों के कहने पर काजल किरण ने अपने फोटोशूट कराए और कई कास्टिंग डायरेक्टर्स को भेज दिए। कुछ दिनों तक यह सिलसिला चलता रहा। उन्होंने कई स्टूडियो के चक्कर भी लगाए और कई फिल्मों के लिए मेकर्स से मुलाकात भी की।
तभी उनकी मुलाकात फिल्म डायरेक्टर नासिर हुसैन से हुई। नासिर साहब उनसे मिलकर काफी इंप्रेस हुए। उनका स्टाइलिश अंदाज, खूबसूरत आंखें और बात करने के तरीका, सबकुछ फिल्ममेकर को भा गया और उन्होंने काजल को अपनी फिल्म के लिए साइन कर लिया।
बता दे की यह फिल्म थी ‘हम किसी से कम नहीं’ फिल्म में काजल के साथ ऋषि कपूर नजर आए थे। ये साल था 1977 का। इस समय काजल स्कूल में पढ़ाई कर रही थीं। नासिर हुसैन ने रोमांटिक कॉमेडी फिल्म ‘हम किसी से कम नहीं’ में काजल को मुख्य भूमिका निभाने के लिए चुना था। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर एक बड़ी हिट साबित हुई थी और काजल रातों-रात स्टार बन गई।
दरअसल, जब काजल किरण ‘हम किसी से कम नहीं’ की शूटिंग कर रही थीं तब निर्देशक नासिर हुसैन ने फिल्म रिलीज होने तक कोई और फिल्म साइन नहीं करने के लिए उनसे कहा था।
बता दे की इस कारण अन्य फिल्ममेकर्स ने उनसे दूसरी फिल्मों के लिए संपर्क ही नहीं किया, क्योंकि उन्हें मालूम था किरण और हुसैन के बीच एक 3 साल का कॉन्ट्रैक्ट हुआ है तो फिलहाल वह किसी और के लिए काम तो करेंगी ही नहीं।
इस तरह काजल के हाथ से ‘बालिका वधू’ और ‘अंखियों के झरोखों से’ जैसे फिल्में निकल गईं, जिसका इन्हें बहुत अफसोस हुआ।

बता दे की काजल किरण की आखिरी फिल्में ‘दीवाने’, ‘कुर्बानी रंग लाएगी’, ‘राजू दादा’, ‘आखिरी संघर्ष’ रहीं, जो इनके संन्यास लेने के बाद के अगले कुछ सालों तक रिलीज होती रहीं। 1997 की आखिरी फिल्म रिलीज हुई उसका नाम था ‘आखिरी संघर्ष’। इसे इत्तेफाक कहें यह किस्मत का खेल काजल किरण का पूरा करिए संघर्ष करता रहा और ‘आखरी संघर्ष’ इनकी आखिरी फिल्म साबित हुई।
अपनी पर्सनल लाइफ को तो उन्होंने पूरी जिंदगी में बिल्कुल सीक्रेट रखा और लो प्रोफाइल ही रखा। वह कभी भी अपने निजी जिंदगी के बारे में ज्यादा खुलासा नहीं किए और न ही इस बारे में मीडिया से बात करतीं और ना ही किसी से साथी कलाकार से। उनकी निजी जिंदगी बहुत ही रहस्यमयी है।
उनके माता-पिता उनके परिवार के भी बारे में किसी को बहुत ज्यादा नहीं जानकारी थी। कहते हैं उन्होंने फिल्मों से संन्यास लेने के बाद शादी कर ली थी।
लोग ये जानते हैं कि पता था उनके पति एनआरआई हैं, लेकिन ये शादी कब और कहां हुई। यह कोई नहीं जानता। कहा जाता है कि शादी के बाद यह तुरंत नीदरलैंड चली गईं, जहां इनके दो बच्चे हुए। लेकिन इसकी भी कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिली । फिल्मों से संन्यास लेने के बाद उन्हें किसी भी फिल्म में पार्टी यह सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया। मानो जैसे वह गायब हो गई हो।
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