कुछ ऐसा रहा ‘रामायण’ का ‘भरत’ उर्फ़ संजय जोग का फ़िल्मी सफर , अनिल कपूर की इस फिल्म में आये थे नज़र

‘रामायण’ का ‘भरत’ उर्फ़ संजय जोग : 

लॉकडाउन की वजह से दूरदर्शन पर ‘रामायण’ का री-टेलिकास्‍ट शुरू हुआ था। डीडी नैशनल की टीआरपी रेकॉर्ड बना रही है, वहीं दर्शकों की जिज्ञासा सीरियल के कलाकारों को लेकर भी बढ़ी है। पहली बार 1987-1988 तक प्रसारित हुए रामानंद सागर के इस सीरियल से जुड़े 9 प्रमुख कलाकार अब इस दुनिया में नहीं हैं। इनमें से बहुत से ऐसे हैं, जो गुमनामी के अंधेरे में खो गए। ऐसा ही एक नाम है संजय जोग का, जिन्‍होंने ‘रामायण’ में भरत का किरदार निभाया था।

बेहतरीन एक्टर थे 

सरल स्‍वभाव, झील सी आंखें। संजय जोग की यही खासियत ने उन्‍हें ‘रामायण’ में रोल दिलवाया था। राम के वनवास के बाद जब आंखों में आंसू और सिर खड़ाऊ लेकर संजय जोग भरत के रोल में स्‍क्रीन पर चले थें, तो टीवी के सामने बैठा हर दर्शक रोया था।

एक्टर नहीं बनना चाहते थे अभिनेता 

संजय का जीवन पुणे में बीता। 10वीं की पढ़ाई के बाद वह नागपुर लौट आए। मुंबई भी वह पढ़ाई करने आए थे। बीएससी की डिग्री लेने के दौरान ही ऐक्‍ट‍िंग में उनकी रुचि जगी। फिल्‍मालिया स्‍टूडियो से ऐक्‍ट‍िंग का कोर्स किया तो एक मराठी फिल्‍म में लीड रोल मिल गया। अनुपमा उस फिल्‍म में उनकी ऐक्‍ट्रेस थीं और रमेश देव विलन। फिल्‍म का नाम था ‘सापला’।

50 से अध‍िक फिल्‍मों में किया काम

संजय जोग 1980 के दशक में एक हाई प्रोफाइल ऐक्‍टर थे। उन्‍होंने अपने करियर में 50 से अध‍िक फिल्‍मों में काम किया, जिसमें 30 से अध‍िक फिल्‍में मराठी भाषा में थीं।

अनिल कपूर के साथ किया था बॉलीवुड डेब्यू 

संजय नागपुर लौट आए। खेती करने लगे। खेती के काम से ही एक बार मुंबई आए तो मराठी मल्‍टीस्‍टारर फिल्‍म ‘जिद्द’ का ऑफर मिला। फिल्‍म सुपरहिट रही और संजय जोग का करियर चल निकला। इसी बीच अनिल कपूर के साथ उन्‍होंने ‘जिगरवाला’ फिल्‍म से बॉलिवुड डेब्‍यू किया। ‘अपना घर’ और ऐसी और भी दूसरी हिंदी फिल्‍मों में काम किया।

मेकअप मैन ने सुझाया था नाम

अभिनेता ने एक गुजराती फिल्‍म ‘माया बाजार’ में महाभारत के अभ‍िमन्‍यु का किरदार निभाया था। उस फिल्‍म में उनके मेकअप मैन थे गोपाल दादा। रामानंद सागर की ‘रामायण’ में भी गोपाल दादा ही मेकअप का जिम्‍मा संभाल रहे थे। सीरियल के लिए कास्‍ट‍िंग चल रही थी और गोपाल दादा ने ही रामानंद सागर को संजय जोग का नाम सुझाया।

पहले ऑफर हुआ था ‘लक्ष्‍मण’ का रोल

रामानंद सागर जब पहली बार संजय जोग से मिले तो उन्‍हें ‘लक्ष्‍मण’ का किरदार ऑफर किया। लेकिन संजय जोग उस वक्‍त कई सारी फिल्‍में कर रहे थे। बिजी शेड्यूल के कारण उन्‍होंने ‘लक्ष्‍मण’ का रोल नहीं लिया। रामनांद सागर संजय की आंखों की गहराई को खोना नहीं चाहते थे, लिहाजा उन्‍हें ‘भरत’ का रोल ऑफर किया गया।

पुणे में जमीन खरीदकर खेती करने का सपना था एक्टर का 

हिंदी और अंग्रेजी के अलावा संजय जोग को 5 भाषाओं का ज्ञान था। साल 1994 में उनकी आख‍िरी फिल्‍म ‘बेटा हो तो ऐसा’ आई थी। 1980 के दशक में एक स्‍टेज शो में वह ‘महाभारत’ के शकुनी मामा बने थे। संजय जोग के जानने वाले बताते हैं कि वह हमेशा एक सपना देखते थे कि पुणे में जमीन खरीदकर खेती करेंगे। लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका।

बीवी और बच्‍चे, बेटा भी है ऐक्‍टर

संजय जोग की शादी नीता से हुई। नीता वकील थीं। संजय के ससुर यानी नीता के पिता भी वकील थे। संजय और नीता के दो बच्‍चे हैं रंजीत और नताशा। रंजीत तब हाई स्‍कूल में पढ़ते थे, जब उनके पिता का निधन हो गया। परिवार मुंबई से नागपुर लौट गया। नीता नागपुर में ही वकालत की प्रैक्‍ट‍िस करने लगीं, जबकि रंजीत पिता की तरह ही फिल्‍मों में आ गए। वह मराठी फिल्‍मों के जाने-माने ऐक्‍टर हैं।

लीवर फेल होने से हुई मौत

संजय जोग अब इस दुनिया में नहीं हैं। 27 नवंबर 1995 को लीवर फेल होने की वजह से उनकी मौत हो गई। किसी दौर में वह एक हाई प्रोफाइल ऐक्‍टर हुआ करते थे।

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