अमिताभ कैसे बने एंग्री यंग मैन से एक प्रेमी और सफल रोमांटिक हीरो जाने इस फिल्म के बारे में
कभी कभी 1976 में बनी रोमांटिक ड्रामा, म्यूजिकल हिट फिल्म है। इसका निर्देशन और निर्माण यश चोपड़ा ने किया और इसमें अमिताभ बच्चन, राखी, शशि कपूर, वहीदा रहमान, ऋषि कपूर, नीतू सिंह और सिमी गरेवाल , परीक्षित सहानी समेत कलाकार शामिल हैं। यह यश चोपड़ा की निर्देशक के रूप में दीवार के बाद दूसरी फिल्म थी जिसमें प्रमुख भूमिकाओं में अमिताभ बच्चन और शशि कपूर थे। इस फिल्म के पहले राखी ने गुलज़ार साब से शादी करी। हालांकि राखी फिल्मो से दूरी बना ली थी परन्तु यशजी को उन्होने मना नहीं किया राजेश खन्ना भी यशजी के साथ फिल्मे कर चुके थे परन्तु एक बड़ी उम्र के किरदार करने को वह राजी नहीं हुए । अमिताभ बच्चन की इमेज विपरीत थी परन्तु यशजी को पता था उन्हें कैसे कब क्या करना है ।
इस फिल्म को बनाने का ख्याल यश चोपड़ा को अपने अजीज दोस्त और गीतकार साहिर लुधियानवी की कविता से आया था. साहिर के गीतों ने उन्हें इस फिल्म को बनाने की प्रेरणा दी इस फिल्म के संगीत को बहुत लोकप्रिए हुआ जो निर्दशित किया था खय्याम ने –कभी कभी मेरे दिल में और में पल दो पल का शायर जैसे गीत लिखे तीनो को उस साल फिल्मफेयर का अवार्ड भी मिला । आज की पीढ़ी अपने माँ बाप से पूछ सकती है इस फिल्म के बारे में और इसके गीतों के बारे में …
यश चोपड़ा फिल्म में ऋषि कपूर के अपोजिट पहले परवीन बाबी को लेना चाहते थे, लेकिन बाद में ये रोल नीतू सिंह को मिला। इसी फिल्म के दौरान ऋषि कपूर और नीतू सिंह का अफेयर शुरू हुआ और बाद मैं शादी । शशि कपूर के कहने पर ऋषि जी इस फिल्म को करने को राज़ी हुए । उस समय पर वह काफी व्यस्त स्टार थे परतु शशि जी और यशजी ने उनका कार्य जल्दी करवाय ताकि वह अन्य फिल्मो में काम कर सके ।
इस फिल्म में अमिताभ बच्चन के माता-पिता हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन भी नजर आए। दरअसल इस फिल्म की शूटिंग जब कश्मीर में हुई तो उस वक्त वह अपने परिवार के साथ कही थे यश जी के कहने पर उनका ये सीन फिल्म में शामिल किया गया।फिल्म में ये दोनों राखी (पूजा) के माता-पिता के रोल में थे।
यश चोपड़ा की यादगार फिल्म ‘कभी कभी’ इस फिल्म के गाने ऐसे हैं कि जब भी सुनों, दिल को रुहानी सुकून हासिल होता है.ये फिल्म जब रिलीज हुई तो बॉक्स ऑफिस के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. कश्मीर की खूबसूरत वादियों में फिल्माए गए दृश्यों ने सिनेमाघर में बैठे दर्शकों को ताजगी से भर दिया था.
इस फिल्म की सफलता के साथ ही एंग्री यंग मैन अमिताभ की इमेज रोमांटिक हीरो की बन गई. अपनी शानदार आवाज में अमिताभ ने जब इन पंक्तियों को बोला था तो सिनेमाघर में बैठे दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए थे.इस फिल्म की सफलता बाद उन्हें रोमांटिक हीरो के लिए भी कास्ट किया जाने लगा।