जब शाहरुख खान ने बेचे अपनी ही फिल्म के टिकट-कब और किस फिल्म के?
बॉलीवुड मैं एक ऐसा समय था की जब मसाला मार धाड़ फिल्मो की भरमार थी उस समय में जब ज्यादातर हीरो खलनायक को पीटने में व्यस्त थे, उस समय शाहरुख ने एक ऐसी फिल्म के हीरो की भूमिका निभाई जो हर कार्य में एक अलग प्रकार से हार जाता था चाहे हो गायकी, संगीत , पढाई या प्रेमिका । लेकिन एक बात जरूर उनका किरदार कुछ ऐसा था जिसमे हर युवा को अपना ही व्यक्तित्व दिखाई देता था -फिल्म में उनका रोल एक मध्यमवर्ग के परिवार का था जो पढ़ाई में कमजोर था जो फेल भी हो जाता है पर दिल का बहुत साफ इंसान था म्यूजिक और गाने का बहुत शौकीन था और अपनी प्रेमिका दिल जीतने का वह हर प्रयास करता जो एक साधारण इंसान करता है – जी हां हम बात कर बता रहे 1994 की – कभी हा कभी ना के बारे मैं
मां के जाने के दुख को दूर करने हेतु और जो सपना अपने मन में लिए थे उसको पूरा करने के लिए शाहरुख से मुंबई जाना तय किया फिर कुछ वक्त मुंबई में गुजारने के बाद उन्होंने आनन-फानन में चार -पांच फिल्में साइन करें जो थी हेमा मालिनी की- दिल आशना है ,राजू बन गया जेंटलमैन ,चमत्कार, किंग अंकल और कभी हां कभी ना
फिल्म के निर्माता है विक्रम मेहरोत्रा, स्टोरी और स्क्रीन प्ले – कुंदन शाह और पंकज आडवाणी और इसको निर्देशित किया उस समय के बड़े निर्देशक अजीज मिर्ज़ा ( जिन्होने टीवी के लिए कई धारावाहिको का निर्माण – निर्देशन किया ) शाहरूख थेयटर से जुड़े हुए थे उन दिनों वह टीवी पर भी काम कर रहे थे जैसे दिल दरिया ,फौजी , सर्कस , वागले की दुनिया आदि । यह फिल्म की कास्ट के बारे मैं कहा जाता है सुनील ( शाहरुख़ )का रोल आमिर खान करने वाले थे और सुचित्रा का जूही परन्तु किसी कारन वह इस प्रोजेक्ट से अलग हो गए
जूही चावला का रोल सुचित्रा कृष्णमूर्ति को दे दिया गया. दीपक तिजोरी को वह रोल मिला, जिसे पहले शाहरुख खान निभाने वाले थे. इस तरह, शाहरुख खान और दीपक तिजोरी के साथ सुचित्रा कृष्णमूर्ति को लीड रोल प्ले करने का मौका. इसी फिल्म मे आशुतोष गवेरकर ने भी ड्रमर ( म्यूजिक बैंड के प्रमुख ) की भी भूमिका निभाई आज वह फिल्म जगत के एक बड़े निर्माता निर्देशक है इस दौरान उनकी दोस्ती दीपक से ओर गहरी हुई ओर आगे चल दीपक ने उनकी पहली फिल्म – पहला नशा में काम किया यही नहीं शाहरूख ने भी स्वदेश फिल्म में आशुतोष के साथ काम किया। फिल्म के अंदर सतीश शाह , नासुरद्दिन शाह , गोगा कपूर , अंजन श्रीवास्तव , रवि वासवानी , टीकू तालसनिआ , रीता भादुरी, कुरुष डेब्यू , आदित्य लखिया , वीरेंदर सक्सेना , अनीता कँवर ,अजीत वच्छानी जैसे कई टीवी वाले कलाकार थे जो अजीज मिर्जा और कुंदन शाह से जुड़े हुए थे ।
दीवाना में वह सेकंड लीड थे दिव्या भारती के साथ और ये फिल्म खूब चली, जीपी सिप्पी साब की राजू बन गया जेंटलमैन थोड़ी श्री ४२o की जैसी थी पर दर्शकों ने इसको भी बहुत पसंद किया ,जूही इस समय बड़ी स्टार बन चुकी थी उनको पहले तो हैरानी हुई लेकिन फिल्म के चलते कुछ ऐसा रिश्ता बना जो आज तक कायम है इस इस फिल्म को भी अजीज साब ने ही बनाया था उनकी खुद के लिए फिल्म का का बजट बहुत कम था इसलिए हमें परेशान थे कि शाहरुख उस समय बड़े बेनेरो के साथ काम कर रहे हैं वह मुझ को समय कैसे दे पाएंगे लेकिन कहा जाता है एक बार एक होटल में शाहरुख के साथ कमरे में बैठे जहां शाहरुख खुद जमीन पर बैठे हुए थे उन्होंने इस फिल्म का एग्रीमेंट sign किया मात्र ₹5000 में ओर पूरी फिल्म की महज ₹25000 में ।
अजीज बताते हैं कि पूरी शूटिंग के दौरान शाहरुख ने कभी भी किसी विशेष प्रकार की सुविधाओं की मांग नहीं करी वह सामान्य श्रेणी में ट्रेवल क्या करते थे और छोटे होटल के अंदर ही रहा करते थे मुंबई और गोवा इस फिल्म की शूटिंग की गयी थी
फिल्म एक रोमांटिक कॉमेडी थी – आना फिल्म की हीरोइन थी ओर सुनील यानी शाहरुख़ के बचपन की CRUSH , उसको पाने के लिए वह हर काम करते है जो एक साधारण इंसान करता है हलाकि उनकी टक्कर थी क्रिस से जो खुद क्रिस्चियन था देखने में लम्बा ,खूबसूरत , संभ्रांत परिवार से ओर जो उनका दोस्त भी था जिसको आना पसंद भी करती थी । पर सुनील अपने भरसक प्रयास करता है यहाँ तक की छल ओर झूट का सहारा भी ताकि वह अपनी प्रेमिका दिल जीतने सके । परतु पादरी के कहने पर व खुद के जमीर से बात करके उसे पता चल जाता है की उसको किया ओर कैसे करना है इस नेकी को इस फिल्म में बहुत सुंदरता से दिखाया गया हैं ।
पर आप चिंता ने हमारा हीरो सुनील अकेला नहीं रहता उनके लिए फिल्म के अंत में एक नयी एंट्री होती है जूही चावला की , जूही उस समय बड़ी कलाकार बन चुकी थी अपने टाइट शेड्यूल होने की वजह से फिल्म से दूरी बना ली,लेकिन उन्होंने फिल्म में गेस्ट रोल प्ले करने का वादा किया जो निभाया भी सबको सरप्राइज देकर ।
दीपक बताते है की शाहरूख के फैन उस समय टोन मैं कहा करते थे की हीरोइन मुझे ( क्रिस ) को किओ मिल मिल गयी ।
एक इंटरव्यू में शाहरूख ने बताया की इस फिल्म के लिए कह इतने उत्साहित थे की खुद इस इस फिल्म के एडवांस टिकट्स बांद्रा के गेयटी गैलेक्सी में बेचे – ओपनिंग डे टिकट बुकिंग की खिड़की पर टिकट बेचते हुए शाहरुख ने करीब 25,000 रुपए हासिल किए थे। यानी 25 हजार के टिकट बेचे थे। शाहरुख का प्रमोशन का ये तरीका काफी हिट रहा था और बाद में दूसरे अभिनेताओं ने भी इसे अपनाया था। शाहरुख की ये फिल्म समीक्षकों ने काफी सराही थी।
फिल्म का म्यूजिक दिया थे जतिन ललित की जोड़ी ने और इसके गीत एक एक बडकर एक थे ,
दीवाना दिल दीवाना कब
ऐ काश के हम होश
सच्ची है कहानी ,वो तो है अलबेला ,आना मेरे प्यार का ,
क्यों ना हम मिलके ( इस गाने को विजयता पंडित ने भी आवाज दी जो जतिन ललित की की बहन है ओर फिल्मो में काम भी कर चुकी थी )
जतिन-ललित संभवत: उस दशक में बड़े संगीतकारों में गिने जाते थे , शाहरुख खान, सलमान खान, आमिर खान और अजय देवगन के साथ उनका काम 1990 के दशक की सर्वश्रेष्ठ हिंदी सिनेमा की एक आदर्श माना जाता है।
उस समय के शाहरूख को देख कर कौन कह सकता था की कह एक दिन बादशाह बनकर ने केवल बॉलीवुड अपितु समूचे विश्व पर राज करेगे और कभी हां कभी ना एक ऐसी फिल्म है जिसने फिल्मों में उनके पैर मजबूत किए।यह शाहरुख़ की बेहतरीन फिल्मों में से एक है जिसे दर्शकों का भरपूर प्यार मिला, शाहरुख को यह फिल्म इतनी पसंद थी की बाद में उन्होने इसके अधिकार अपने बैनर रेड चिलीज एंटरटेनमेंट के तहत खरीदे लिए ।
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