जब दरवाजे पर खड़ी बहू ‘रेखा’ को सास ने आशीर्वाद के बदले चप्पल दिखाई , न ही पिता दिया था अपना नाम

बॉलीवुड की मशहूर हीरोइन रेखा : 

बॉलीवुड की सदाबहार हीरोइन रेखा की कहानी एक तरफ जहां सफलताओं से भरी हुई हैं वहीं उसमें विवादों के रंग भी लगे हुए हैं। रेखा के पिता तमिल फिल्म इंडस्ट्री के सुपर स्टार थे जबकि उनकी मां उसी इंडस्ट्री की हीरोइन थीं। कहा जाता है कि जब रेखा का जन्म हुआ तब उनके माता-पिता ने शादी नहीं की थी इसलिए उनके पिता जेमिनी गणेशन ने उनको अपना नाम नहीं दिया। रेखा के पिता ने  4 शादियां की थीं, लेकिन रेखा की मां से कभी शादी नहीं की। इसलिए  रेखा को वो अपनी बेटी तक नहीं मानते थे। और ऐसी लिए रेखा को भी अपने पिता से नफरत थी और वो  उनके अंतिम संस्कार में नहीं गईं थीं।

आर्थिक हालत ख़राब होने की वजह से 12 साल की उम्र में काम शुरू कर दिया 

रेखा की मां पर बहुत कर्ज था, जिसके चलते रेखा ने 12 साल की उम्र से काम करना शुरू कर दिया था। काम करने से मना करने पर उनके भाई उन्हें बहुत मारते थे। आर्थिक हालत बहुत खराब होने के कारण रेखा को सी ग्रेड की फिल्में तक करनी पड़ी थी। बॉलीवुड में रेखा ने 1970 में पहली बार ‘सावन भादो’ फिल्म के जरिए अपने करियर की  शुरुआत की। ये फिल्म सुपरहिट हुई थी।

इस वाकया को लेकर रेखा चली गयी थी सदमे में 

अपनी खूबसूरती के लिए जानी जाने वाली रेखा की जिंदगी में शूटिंग के दौरान एक ऐसा वाकया हुआ कि वह सदमे में आ गईं। फिल्म ‘अनजाना सफर’ के दौरान निर्देशक के एक्शन बोलते ही एक्टर विश्वजीत ने रेखा होठों को अपने होंठो में ले लिया। विश्वजीत रेखा को बाहों में जकड़ कर लगातार किस करते जा रहे थे, रेखा विरोध भी नहीं कर पा रहीं थी। विश्वजीत 5 मिनट तक रेखा को किस करते रहे। यूनिट के मेंबर्स की सीटियों की आवाज रेखा के कानों में पड़ी और उनकी आंखों में आंसू आ गए।

1973 में विनोद मेहरा से शादी की 

1973 में ये खबर आई कि रेखा ने एक्टर विनोद मेहरा से शादी कर ली है। रेखा अफेयर करीब 3 साल तक चला लेकिन कलकत्ता में शादी करने के बाद विनोद और रेखा जब वापस मुंबई आए तो विनोद मेहरा की मां का गुस्सा देख सेहम  गई । रेखा अपनी सास के पैर छूने को झुकीं तो वो पीछे हट गईं और रेखा को पीटने के लिए अपनी चप्पल निकाल ली।

आज रेखा ने अपने आप को अभिनेत्री सुचित्रा सेन के हालत में ढाल लिया है। वो एकाकी जीवन जीती हैं जिसमें बाहरी दुनिया के लिए कोई जगह नहीं हैं। वो राज्य सभा की सदस्य भी हैं लेकिन इसकी कार्यवाही में बहुत कम हिस्सा लेती हैं। उन्होंने जिंदगी का बहुत कठिनाइयों से मुकाबला किया है और हर बार गिर कर भी बिना किसी मदद के उठ खड़ी हुई हैं।

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