फिल्म ‘जानी दुश्मन’ के भूत की वजह से लोगो ने दुल्हनो को लाल जोड़ा पहनाना बंद कर दिया था, फिल्म रिलीज़ के लिए निर्देशक को लड़ना पड़ा था केस
फिल्म ‘जानी दुश्मन’ :
साल 1979 में आई फिल्म ‘जानी दुश्मन’ तो आपने भी देखी ही होगी। लंबी चौड़ी स्टारकास्ट वाली इस फिल्म की कहानी और इसका म्यूज़िक काफी पसंद किया गया था। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई थी। 1 करोड़ तीस लाख रुपए के बजट में बनी इस फिल्म ने इंडिया में साढ़े चार करोड़ रुपए का बिजनेस किया था। जबकी फिल्म का वर्ल्डवाइड कलेक्शन था , 9 करोड़ । फिल्म की आईएमडीबी रेटिंग है 6.1 आउट ऑफ 10 और साल 1979 में ये फिल्म दूसरी सबसे ज़्यादा कलेक्शन करने वाली फिल्म थी।
ज़्यादातर शूटिंग जम्मू के इलाको में हुई, लाल जोड़ा पहनना बंद कर दिया था दुल्हनो ने
फिल्म की इस कहानी का असर भारत के कुछ देहाती इलाकों में इतना ज़्यादा हो गया था कि वहां के लोगों ने शादी में लड़कियों को लाल जोड़ा पहनाना ही बंद कर दिया था। लोग दुल्हनों को नारंगी या गुलाबी जोड़े में विदा करने लगे थे। जानी दुश्मन की ज़्यादातर शूटिंग जम्मू के इलाको में हुई थी। जम्मू के छेनानी, पटनीटॉप और उधमपुर इलाकों में इस फिल्म की शूटिंग की गई थी। फिल्म की शूटिंग के दौरान स्थानीय लोगों ने भी फिल्म यूनिट को पूरा सपोर्ट किया था। यही वजह है कि जब ये फिल्म रिलीज़ हुई थी तो जम्मू और कश्मीर में ये फिल्म ज़बरदस्त हिट साबित हुई थी।
भूत वाली सेम कॉस्ट्यूम दो फिल्मो में यूज़ है
फिल्म में भूत की जिस कॉस्ट्यूम का इस्तेमाल किया गया था, उसी कॉस्ट्यूम को कांति शाह की हॉरर फिल्म ‘प्यासा हैवान’ में भी इस्तेमाल किया गया था। ‘प्यासा हैवान’ साल 2003 में रिलीज़ हुई थी। वहीं बात अगर संजीव कुमार के बारे में करें तो इस फिल्म में उनका किरदार गांव के एक बुजुर्ग और इज्ज़तदार ठाकुर है। जबकी सुनील दत्त गांव का एक ऐसा युवा है जो बेबाक है और गलत के खिलाफ आवाज़ उठाता है।
सेंसर बोर्ड ने फिल्म को रिलीज़ करने से मना कर दिया था
आपको जानकर हैरानी होगी कि उम्र में संजीव कुमार सुनील दत्त से छोटे थे। फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा संजीव कुमार के बेटे शेरा के रोल में दिखे थे। जबकी असल ज़िंदगी में शत्रुघ्न सिन्हा उनसे महज़ 9 साल ही छोटे थे। जानी दुश्मन जब सर्टिफिकेशन के लिए सेंसर बोर्ड गई, तो सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को रिलीज़ करने की परमिशन देने से इन्कार कर दिया। सेंसर बोर्ड का कहना था कि ये फिल्म सुपरस्टीशन्स को बढ़ावा देती है। तब डायरेक्टर राज कुमार कोहली ने अदालत का रुख किया और सेंसर बोर्ड के इस फैसले के खिलाफ मुकदमा लड़ा। अदालत ने राज कुमार कोहली के पक्ष में फैसला दिया। तब जाकर सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को ए सर्टिफिकेट के साथ रिलीज़ किया।