बर्मा से रातों-रात भागकर भारत आईं थी हेलेन , ग्रुप डांसर से लेकर इंडस्ट्री की पहली आइटम गर्ल बनने का सफर ऐसे किया तय
भारतीय फिल्म इंडस्ट्री कि पहली आइटम गर्ल अदाकारा हेलेन :
कैबरे डांस, लाजवाब एक्ट्रेस, हुस्न की मल्लिका और खूबसूरती का खजाना है बॉलीवुड अदाकारा हेलेन। अपने डांस से सबकी सांसें तेज कर देने वाली हेलेन भारतीय फिल्म इंडस्ट्री कि पहली आइटम गर्ल मानी जाती हैं।
कमाल की डांसर थी हेलेन
हेलेन के दीवाने तो सभी हैं। एक समय ऐसा भी था, जिस भी फिल्म में हेलेन का आइटम सॉन्ग होता, तो लोग सिर्फ उसी डांस को देखने कि चाह में थियेटर तक पहुंच जाते। आलम तो ये था कि डांस शुरू होने पर पूरे थियेटर में सिक्कों की बारिश होने लगती और लगातार तब तक होती रहती जब तक डांस खत्म नहीं हो जाता। हेलेन की दीवानगी लोगों पर इस कदर सवार थी कि लोग हेलेन की वजह से अपनी लड़कियों को डांस सिखाने की तमन्ना रखने लगे। हेलेन के डांस में जो स्पार्क था, वो ही लोगों को उनकी ओर आकर्षित करता रहा। उनका डांस करने का स्टाइल कमाल का है, आज भी उनके डांस का कोई मुकाबला नहीं कर सकता।
हेलेन ऐन रिचर्ड्सन है हेलेन का पूरा नाम
वह अपने समय की बेस्ट डांसर और बहुत बेहतरीन अदाकारा रही हैं। 1938 को रंगून में जन्मीं हेलेन का असली नाम हेलेन ऐन रिचर्ड्सन है। क्या आपको पता है कि हेलेन की इस सफलता के पीछे छिपे हैं उनके पैरों के छाले और अपने भाई को खोने का गम। हेलेन के पिता द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ही चल बसे। इसकी वजह से घर की पूरी जिम्मेदारी हेलेन के कंधों पर आ गयी थी।
जापानियों के दर से बर्मा से भाग आये थी एक्ट्रेस अपने परिवार के साथ
बर्मा में जापानियों के कब्जा किए जाने के डर से उनका पूरा परिवार पैदल ही असम के डिब्रूगढ़ की तरफ रवाना हो गया। दुश्मनों से बचने के लिए उन सभी ने जंगलों के खतरनाक रास्तों पर चलना ही सही समझा। एक समय ऐसा भी आया जब उनकी स्थिती इतनी खराब हो चुकी थी कि उनके पास ना ही रहने का कोई ठिकाना था और ना ही खाने के लिए पैसे। राह चलते वक्त जिसने जो सुविधा दी, बस उसी से उनका गुजारा होता रहा। सभी के पैरों में चलते-चलते छाले तक पड़ गए थे, लेकिन मंजिल अभी दूर थी। ना जाने कितने ही मासूम लोगों ने चलते-चलते अपनी जान गंवा दी।
भूख प्यास के कारण मर गया था भाई
हेलेन को इस बात का बड़ा अफसोस था कि वह अपनी मां के लिए कुछ भी नहीं कर पा रही थीं। हेलेन की मां गर्भवती थीं और ऐसी हालत में रास्ते में ही उनका गर्भपात हो गया। हेलेन को मन ही मन ये बात सता रही थी कि वह इतनी छोटी हैं कि अपनी मां के लिए कुछ भी नहीं कर पाईं। रास्ता इतना लंबा था कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था। इतनी सारी मुसीबतें कम थी कि हेलेन के भाई को स्मॉलपॉक्स हो गया। आखिर में उन सभी को डिब्रूगढ़ हॉस्पिटल में दाखिल किया गया। हेलेन की मां और वो तो बच गईं, लेकिन हेलेन का भाई गुजर गया। फिर क्या था हेलेन की मां की ऐसी हालत देखकर एक सज्जन पुरुष को तरस आ गया और उन्होंने हेलेन की मां को डिब्रूगढ़ हॉस्पिटल में ही नर्स की नौकरी दिला दी।
ग्रुप डांसर की नौकरी की
मां और घर की ऐसी स्थित देखकर मासूम हेलेन ने पढ़ाई-लिखाई को भुलाकर फ़िल्म इंडस्ट्री में काम तलाशना शुरू कर दिया। कई सालों तक वह स्टूडियों के चक्कर लगाती रहीं। आखिरकार उनकी किस्मत पलटी और उन्हें फ़िल्म हावड़ा ब्रिज में काम करने का मौका मिला। उस जमाने में कुक्कू नाम की एक पुरानी अदाकारा थीं, जिन्होंने हेलेन को फिल्मों में ग्रुप डांसर की नौकरी दिला दी।
‘अलिफ लैला और हूर ए अरब’ से की फ़िल्मी करियर की शुरआत
हेलेन का फिल्मी करियर फ़िल्म शबिस्तान के साथ शुरू हुआ। इस ग्रुप डान्सिंग में हेलेन ने अपने डांस से सभी का दिल जीत लिया। धीरे-धीरे उस भीड़ के साथ डांस करते-करते उन्हें फिल्मों में सोलो डांस के ऑफर आने लगे। फिल्म अलिफ लैला और हूर ए अरब में सोलो डांस करके उन्होंने फ़िल्म मेकर्स को दांतों तले अंगुलियां दबाने पर मजबूर कर दिया। हावड़ा ब्रिज, चाइना टाउन, कश्मीर की कली, एन इवनिंग इन पेरिस, अराधना, अमर प्रेम जैसी बेहतरीन फिल्मों के निर्देशक शक्ति सामंत ने हेलेन को अपनी फिल्म हावड़ा ब्रिज में बड़ा ब्रेक दिया। फिल्म में हेलेन को एक आइटम सॉन्ग करने को मिला, जिसके गाने के बोल कुछ इस तरह से थे ‘चिन चिन चू बाबा… ये गाना बहुत फेमस हुआ। हेलेन रातोंरात स्टार बन गईं और देखते ही देखते हेलेन उस समय की पहली आइटम गर्ल बन गईं।
इन सुपरहिट गांव पर किया डांस
इसके बाद हेलेन को 1960 और 1970 के दशक में एक से एक बढ़कर एक फिल्मों में अच्छी भूमिकाएं भी मिलने लगीं और आइटम सॉन्ग भी मिलने लगे। उन्होंने फ़िल्म ‘गुमनाम, चाइना टाउन, सच्चाई और छोटे सरकार में अपने अभिनय की प्रतिभा दिखाई। अपने कई डांस नंबर जैसे सुकू सुकू, आ जाने जां, यम्मा यम्मा, ओह हसीना जुल्फों वाली, ये मेरा दिल यार का दीवाना, पिया तू अब तो आजा समेत ना जाने कितने ही और आइटम नंबर्स किए। महबूबा ओ महबूबा सॉन्ग पर उनके डांस का आज भी कोई सानी नहीं है। कहा जाता है कि हेलेन अपने डांस के स्टेप्स खुद ही किया करती थीं। यही वजह है कि उनका हर एक स्टेप यूनीक हुआ करता था। जिन्हें ना तो उस समय कोई कॉपी कर पाया और ना ही आज कोई कर सकता है।
ऐसे मिला मोम कि गुड़िया का दर्जा
मुंगड़ा-मुंगड़ा जैसे गाने पर डांस करने पर उन्हें मोम की गुड़िया का दर्जा दिया गया।अपने डांस से सबका दिल जीत चुकी हेलेन बॉलीवुड की बेहतरीन डांसर के साथ-साथ उम्दा एक्ट्रेस भी रहीं। सही में फर्श से अर्श तक का सफर हेलेन की जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा। उन्हें कई अवॉर्ड्स भी मिले, इसके साथ ही उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री के पुरस्कार से भी नवाजा। उन पर चार किताबें भी लिखी गई हैं।