50-70’s के ये लोकप्रिय गीत जिन्हे आप भी खूब पसंद करेंगे , देखे लिस्ट
50- 70’s के इन कलाकारों को देखने के लिए लगी रहती थी लाइन:
आजकल लगभग सभी लोग फिल्म देखने और गाने सुनने के शौकीन हैं। चाहे शादी हो, पार्टी हो या फिर कोई भी फंक्शन गानों के बिना ये सब अधूरा-सा लगता है। हांलांकि, आज का हिंदी सिनेमा मॉर्डन जमाने का है, क्योंकि आज के सिनेमा, फिल्मों और गानों में पहले के मुकाबले काफी बदलाव आ गया है। लेकिन जब बात 50- 70’s के सिनेमा की आती है, मधुबाला, मुमताज, वहीदा रहमान और शर्मिला टैगोर, रेखा, अमिताभ बच्चन आदि वे एक्टर रहे हैं, जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर तक दर्शकों की लाइन लगी रहती थी। इन कलाकारों के द्वारा निभाए गए किरदार को दर्शक आज भी याद करते हैं। साथ ही, इन कलाकारों के अभिनय के अलावा फिल्म के गीत, गायक की आवाज, संगीत आदि भी दर्शकों को काफी पसंद आते थे। आज भी कई ऐसे लोग मौजूद हैं, जो पुराने गीत को सुनना पसंद करते हैं। अगर आप भी उन्हीं लोगों में से एक हैं, तो आज हम आपको कुछ ऐसे लोकप्रिय गीत के बारे में बताते हैं, जो यकीनन आपको पसंद आएंगे।
1.’इन आंखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं’
70’s के सिनेमा की रेखा को जरूर याद किया जाता है। क्योंकि रेखा एक ऐसी एक्ट्रेस रहीं हैं, जिन्होंने अपनी अदाकारी से लोगों का दिल जीता है। लेकिन आपने रेखा के ‘इन आंखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं’ गाने के बारे में आपने अपने मम्मी या पापा से सुना ही होगा या फिर टीवी पर चलता हुआ देखा होगा। हालांकि, यह गाना 1981 की फिल्म ‘उमराव जान’ का है, जिसे गायिका आशा भोसले ने गाया है। इसमें रेखा का खूबसूरत अंदाज आपको बेहद पसंद आएगा।
2.’गुलाबी आंखें जो तेरी देखी’
1970’s का यह गाना ‘द ट्रेन’ फिल्म का सबसे लोकप्रिय है इस गाने में प्रसिद्ध राजेश खन्ना और नंदा हैं। गुलाबी आंखें एक प्रेम गीत है जिसे मोहम्मद रफी ने गाया है। यह प्रेम गीत, जिसे एक प्रेमी अपनी प्रेमिका को देखकर गाता है और अपने प्यार का इजहार करता है। जब यह गाना पर्दे पर रिलीज हुआ था, तो लोगों ने काफी पसंद किया था। आज भी गुलाबी आंखें गाने पर कई रीमिक्स सॉन्ग बनाए जा चुके हैं।
3.’बदन पे सितारे लपेटे हुए’
जब भी हम 70’s के सिनेमा की बात करते हैं, तो अमिताभ बच्चन, रेखा, राजेश खन्ना,नंदा, शम्मी कपूर, मधुबाला, मुमताज, वहीदा रहमान और शर्मिला टैगोर आदि नामों को जरूर शामिल किया जाता है। लेकिन शम्मी कपूर की फिल्म ‘बदन पे सितारे लपेटे हुए, ओ जान-ए-तमन्ना किधर जा रही हो’ आदि को आज भी याद किया जाता है।