भारतीय सिनेमा का सबसे जीनियस फिल्ममेकर ‘गुरु दत्त’ , जिन्होंने अपने एक सीन में जान डालने के लिए किये 104 रीटेक

दोस्तों , गुरु दत्त  को भारतीय सिनेमा का सबसे जीनियस फिल्ममेकर कहा जाता है। आपको बता दे की  बॉलीवुड में गुरुदत्त साल 1944 से 1964 तक सक्रिय रहे। इस दौरान उन्होंने कई फिल्में में काम किया । कुछ फिल्मों में खुद अभिनय भी किया, जबकि कुछ का केवल निर्देशन किया। आज हम गुरु दत्त के बारे में बात करने जा रहे है , तो चलिए जानते है उनकी कुछ रहस्य्मय बातो के बारे में –

 गुरुदत्त का परिचय-

गुरु दत्त का जन्म 9 जुलाई 1925 को बंगलौर में हुआ था। उनके माता पिता कोंकण के चित्रपुर सारस्वत ब्राह्मण थे। उनके पिता शुरुआत के दिनों एक विद्यालय के हेडमास्टर थे जो बाद में एक बैंक के मुलाजिम हो गये। माँ एक साधारण गृहिणीं थीं जो बाद में एक स्कूल में अध्यापिका बन गयीं। गुरु दत्त जब पैदा हुए उनकी माँ की आयु सोलह वर्ष थी। वसन्ती घर पर प्राइवेट ट्यूशन के अलावा लघुकथाएँ लिखतीं थीं और बंगाली उपन्यासों का कन्नड़ भाषा में अनुवाद भी करती थीं। आपको बता दे की इनकाअसली नाम वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण था।

जब परफेक्शन के लिए 104 रीटेक दिए-                                                                                                                                                                           दोस्तों , गुरु दत्त ने अपने एक सीन को फाइनल करने के लिए 104 रिटेक लिए थे , जी हां ये सच है । आपकी जानकारी के लिए बता दे की  ‘प्यासा’ फिल्म के सिनेमैटोग्रफर वीके मूर्ती ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि जूनियर आर्टिस्ट के साथ कुछ सीन्स शूट हो रहे थे, लेकिन वो सही नहीं लग रहे थे।  इसके बाद उनका खुद का एक सीन आया। शाम के पांच बजे इस सीन का शूट शुरू हुआ। मूर्ति ने तकरीबन साढ़े पांच घंटे बाद गुरु दत्त को याद दिलाया कि अब रात के साढ़े 10 बज चुके हैं। ये सीन सुबह शूट करेंगे। गुरु दत्त नहीं माने। शूटिंग एक घंटे और चली। लेकिन गुरु दत्त मानने को तैयार नहीं थे। मूर्ति के बहुत मनाने के बाद जाकर जब वो माने, तब तक 104 रीटेक्स हो चुके थे। इसके बाद अगले दिन फिर से इसी सीन से शूट शुरू हुआ और गुरु दत्त ने पहले ही टेक में वो सीन ओके कर दिया।

 इस फिल्म से बने डायरेक्टर –
आपको बता दे की गुरु दत्त  ने बॉलीवुड में बतौर डायरेक्टर फिल्म ‘बाजी’ से 1951 में डेब्यू किया था। इस फिल्म में देव आनंद और गीता दत्त मुख्य भूमिका में थे। फ्लिम के बाद गुरु दत्त ने ‘सीआईडी’ में वहीदा रहमान को पहली बार कास्ट किया। इसके बाद तो गुरु दत्त ने अपनी क्लासिकल सिनेमा की झड़ी लगा दी। इन फिल्मों में ‘प्यासा’, ‘साहिब बीवी और गुलाम’, ‘चौदवीं का चांद’, ‘कागज के फूल’ और ‘आर-पार’ जैसी फिल्में शामिल हैं। 

मृत्यु-                                                                                                                                                                                                                                                      आपको बता दे की 10 अक्टूबर 1964 की सुबह को गुरु दत्त पेढर रोड बॉम्बे में अपने बेड रूम में मृत पाये गये। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने पहले खूब शराब पी उसके बाद ढेर सारी नींद की गोलियाँ खा लीं। यही दुर्घटना उनकी मौत का कारण बनी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *