‘कौन है जो सपनों में आया…’ आज भी सदाबहार गीतों में शुमार है , जाने इस गाने में मोहम्मद रफी जुड़ा एक अजीब किस्सा
‘कहां चल दिए इधर तो आओ…’, ‘उनसे मिली नजर की मेरे होश उड़ गए…’, ‘कौन है जो सपनों में आया…’ अगर आप पुरानी फिल्मों के शौकीन हैं तो इन गानों के जरिए फिल्म काम नाम जान गए होंगे। यदि नहीं तो यह फिल्म ‘झुक गया आसमान’ के सुपरहिट गाने हैं।
आपको बता दे की कई बार फिल्म से ज्यादा उसके गाने सफल हो जाते हैं। ऐसा ही कुछ इस फिल्म के साथ हुआ था। इस फिल्म को क्रिटिक्स और कुछ दर्शकों ने पसंद किया लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर इतना कमाल नहीं कर सकी, लेकिन फिल्म के गाने आज भी सदाबहार गानों में शुमार किए जाते हैं।
‘कौन है जो सपनों में आया…’ इस फिल्म का मुख्य गाना है क्योंकि इसके बाद ही फिल्म की कहानी में मोड़ आता है। आज हम राजेंद्र कुमार के इसी हिट गाने पर बात करते है
आपको बता दे की झुक गया आसमान’ को लेख टंडन ने निर्देशित किया था और फिल्म 1968 में रिलीज हुई थी। इस रोमांटिक कॉमेडी मूवी में राजेंद्र कुमार , सायरा बानो, राजेंद्र नाथ और प्रेम चोपड़ा ने अहम भूमिका निभाई थी। फिल्म का संगीत शंकर जय किशन ने दिया था।
बता दे की वहीं, फिल्म के गीत शैलेंद्र, हसरत जयपुरी और एसएच बिहारी ने लिखे थे। फिल्म के यूं तो सभी गाने हिट रहे थे लेकिन ‘कौन है जो सपनों में आया…’ को काफी पसंद किया गया था। वादियों के बीच फिल्माए गए इस गाने में राजेंद्र कुमार जीप चलाते दिखे थे।
राजेंद्र कुमार पर पिक्चराइज इस गाने को मोहम्मद रफी ने आवाज दी है। आज भी उनकी आवाज में सजे इस गाने को लोग सुनना पसंद करते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस गीत की रिकॉर्डिंग के समय बार बार रफी साहब एक गलती कर रहे थे। इस गीत की जैसे ही रिकॉर्डिंग शुरू हुई तो शंकर जय किशन और लेख टंडन को यह नहीं जमा।
शंकर जयकिशन ने सोचा कि शायद रफी साहब कुछ अलग करने की कोशिश कर रहे हैं। लेख टंडन ने रफी साहब को रूकने का इशारा किया और फिर से गाने के लिए कहा। इस रफी साहब ने फिर गाना शुरू किया लेकिन इस बार भी लेख टंडन ने उन्हें रोक दिया।
लेख टंडन ने जब दो तीन बार रफी साहब को रोका तो उन्हें कुछ समझ नहीं आया। इस रफी साहब, लेख टंडन के पास गए और पूछा, ‘क्या कोई कमी लग रही है?’ इस पर लेख टंडन ने कहा, ‘आप बहुत अच्छा गा रहे हैं लेकिन आप राजेंद्र कुमार के अंदाज में नहीं गा रहे हैं।
आपकी आवाज में शम्मी कपूर की झलक आ रही है। यह सुनते ही रफी साहब तुरंत अपनी गलती समझ गए। दरअसल, रफी साहब ने शम्मी के लिए कई गाने गाए है, ऐसे में उस दिन भी वे शम्मी के अंदाज में ही गाए जा रहे थे, लेकिन जब लेख टंडन ने टोका तो उन्होंने तुरंत टोन बदलकर राजेंद्र कुमार की आवाज में गाया। यह गाना जब रिलीज हुआ तो लोगों की जुबां पर चढ़ गया।