जब राज बब्बर के जीनत अमान के साथ एक सीन को लेकर गए थे घबरा , फिर अभिनत्री ने निकाली ये तरकीब
एक्टर राज बब्बर :
‘अब के बिछड़े तो शायद कभी ख्वाबों में मिलें, जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें’ फिल्म ‘निकाह’ का ये डायलॉग तो आपने सुना ही होगा। फिल्म ‘निकाह’ का ये गाना ‘दिल की ये आरजू थी कोई दिलरुबा मिले’ गाने से अपने जज्बात जाहिर करने वाले राज बब्बर एक्टिंग और राजनीति में तीखे स्वर और बेबाक राय के लिए मशहूर है ।भारतीय सिनेमा में एक्टर और विलेन दोनों के किरदारों में खुद को बखूबी ढालने वाले राज बब्बर के जीवन के कुछ खास पहलुओं से आपको रूबरू करवाएंगे।
फिल्म ‘इंसाफ का तराजू’ में रेपिस्ट का किरदार निभाया
राज बब्बर को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था और इसीलिए उन्होंने कुछ और करने के बजाय नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला लिया। एनएसडी से पढ़ाई खत्म करने के बाद राज ने मुबंई का रुख किया। अभिनेता ने खुद को भीड़ से अलग दिखाने के लिए 1980 में आई फिल्म ‘इंसाफ का तराजू’ में एक रेपिस्ट का किरदार निभाने में भी पीछे नहीं रहे। इस फिल्म के बाद राज को विलेन के रुप में जबरदस्त पहचान मिली। जिसमें ‘जिद्दी’, ‘दलाल’, ‘दाग द फायर’ जैसी फिल्मों में उनके रोल को सराहा गया। 1994 में आई ‘दलाल’ फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ विलेन का पुरस्कार भी मिला।
1989 में राजनीतिक करियर की शुरुआत की
दौड़ में हार उसकी नहीं होती जो फिसल जाता है, हार उसकी होती है जो फिसलकर नहीं उठता जैसे बेहतरीन डायलॉग से लोगो को रोमांचित कर देने वाले राज बब्बर राजनीति में आज एक जाना माना चेहरा है। राज ने 1989 में जेडीयू से जुड़कर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। राज बब्बर ने अपने फिल्मी करियर में कई सारी फिल्में की और दौलत और शोहरत कमाई लेकिन कहा जाता है कि बॉलीवुड में वह वो मुकाम नहीं हासिल कर पाए जिसके वे हकदार थे।
जीनत अमान के साथ एक सीन को लेकर घबरा गए थे
बात तब की है जब राज बब्बर को फिल्मों में आए चंद साल ही हुए थे और उन्हें एक फिल्म में उस दौर की बड़ी अदाकारा जीनत अमान के साथ रेप सीन करना था। राज बब्बर इस बात को लेकर डरे हुए थे कि वो नए हैं और जीनत अमान इतनी बड़ी हीरोइन। भला वो कैसे फिल्म में उनके साथ रेप सीन कर सकते हैं और वो भी एक ऐसा रेप सीन जिसमें उन्हें जीनत अमान के साथ ना सिर्फ हाथापाई करनी थी बल्कि जबरदस्ती भी करनी थी।
एक्ट्रेस जीनत ने सीन के लिए निकाली ये तरकीब
राज बब्बर को डर था कि करियर की शुरुआत में ही ऐसा सीन करने से उनकी छवि खराब हो जाएगी, करियर खराब हो जाएगा। इस डर की वजह से राज बब्बर ने फिल्म के निर्देशक बी आर चोपड़ा से कहा कि वो इस रेप सीन को थोड़ा नरम कर दें जिससे ज्यादा बेकार ना लगे। जीनत अमान को जब राज बब्बर के इस डर के बारे में पता चला तो उन्होंने स्थिति को संभालने के लिए एक तरकीब सोची। जीनत ने राज बब्बर के साथ इस रेप सीन की कई बार रिहर्सल की और उन्हें समझाया कि शूट के दौरान वो जितना क्रूर बन सकते हैं बने और ऐसे शूट करें कि रेप सीन असली लगे।