जब फिल्म ‘आनंद’ का प्रस्ताव दिया गया इंडस्ट्री के इस खूबसूरत अभिनेता को , लेकिन उनके इनकार के बाद चमकी राजेश खन्ना की किस्मत
भारतीय सिनेमा जगत की बेहतरीन फिल्म ‘आनंद’ का यह डायलॉग ‘बाबू मोशाय’ जिंदगी लंबी नहीं बड़ी होनी चाहिए , इसकी जान है। साथ ही यह जिंदगी के फलसफे को बेहद आसानी से बयां कर देता है।
आपको बता दे की ऋषिकेश मुखर्जी की यह फिल्म इतने अच्छे से गढ़ी गई थी कि ना सिर्फ उस दौर में बल्कि आज भी इसे सिनेमा की बेहतरीन कृति माना जाता है। फिल्म में राजेश खन्ना ने शानदार एक्टिंग की थी और हर दर्शक उनके किरदार से जुड़ गया था।
लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी यह फिल्म पहले ‘काका’ को नहीं मिली थी। उनसे पहले इंडस्ट्री के खूबसूरत अभिनेता को इस फिल्म का प्रस्ताव दिया था लेकिन उनके इनकार ने राजेश खन्ना की किस्मत चमका दी।
बता दे की 12 मार्च 1971 को ऋषिकेश मुखर्जी फिल्म ‘आनंद’ लेकर आए थे। फिल्म को बिमल दत्ता, गुलजार, डीएन मुखर्जी, ऋषिकेश मुखर्जी और बिरेन त्रिपाठी ने मिलकर लिखा था। फिल्म में राजेश खन्ना के अलावा अमिताभ बच्चन, सुमिता सान्याल और रमेश देव मुख्य भूमिका में थे।
राजेश और अमिताभ की साथ में यह पहली फिल्म थी, इसके बाद दोनों ने फिल्म ‘नमक हराम’ में साथ में काम किया था। फिल्म को सिने जगत की बेहतरीन फिल्मों में शुमार किया जाता है।
बता दे की शुरुआती स्तर पर जब इस फिल्म की प्लानिंग हो रही थी तो ऋषिकेश मुखर्जी शोमैन राज कपूर के साथ यह फिल्म करना चाहते थे, लेकिन चूंकि उनकी तबीयत काफी खराब थी और उन्हें ठीक हुए कुछ ही समय हुआ था इसलिए वे राज कपूर के पास नहीं गए। ऐसे में उनकी पहली चॉइस उनके भाई शशि कपूर थे।
शशि ने जब फिल्म की स्क्रिप्ट सुनी तो उन्हें कहानी कुछ खास पसंद नहीं आई और उन्होंने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके बाद फिल्म को लेकर ऋषि दा राजेश खन्ना के पास गए और उन्होंने इसके लिए हामी भर दी। इस कम बजट फिल्म के लिए काका ने ऋषि दा से सिर्फ 7 लाख रुपये फीस के तौर पर लिए थे।
बता दे की इसमें कोई दो राय नहीं है कि यह फिल्म राजेश खन्ना के कॅरियर के लिए कितनी बेहतरीन साबित हुई। फिल्म को ना करने का मलाल शायद हमेशा शशि कपूर के मन में रहा होगा।
आनंद’ का ना सिर्फ कहानी बल्कि इसके गाने, डायलॉग और सीन भी बेहद हिट हुए थे। ‘कहीं दूर जब दिन ढल जाए..’, ‘जिंदगी कैसी है पहेली’, ‘मैंने तेरे लिए ही’ जैसे गाने आज भी सदाबहार हैं और दिल को छूते हैं। फिल्म को ‘बेस्ट फिल्म’ का नेशनल अवॉर्ड मिला था।