ऐसा क्या हुआ जो फ़िल्मी दुनिया छोड़ घर वापसी करने लगे थे अमिताभ बच्चन , फिर कैसे बन गए सुपरस्टार
दोस्तों, अमिताभ बच्चन का फिल्मी सफर सात हिंदुस्तानियों से शुरू हुआ था, जो 1969 में रिलीज हुई थी। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हुई थी। उन्हें आगे मल्टी स्टारर के साथ-साथ सोलो एक्टर के तौर पर फिल्मों में काम मिला। ‘आनंद’ को छोड़ दें, तो उस दौर में कोई दूसरी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं दिखा पाई। ‘संजोग’, ‘बंसी बिरजू’ जैसी फिल्मों के फ्लॉप होने के बाद अमिताभ बच्चन को काम पाने में मुश्किल होने लगी।

ऐसे में निर्माता और निर्देशक उन्हें अपनी फिल्मों में कास्ट करने से बचते थे। ज्यादातर एक्ट्रेस उनके साथ काम करने में रुचि नहीं दिखा रही थीं। वे 1973 आते-आते ‘रास्ते का पत्थर’, ‘एक नजर’ और ‘बॉम्बे टू गोवा’ को मिलाकर लगभग 9 फ्लॉप फिल्में दे चुके थे।

कहते हैं कि फिल्म ‘बंधे हाथ’ में उन्हें एक शर्त पर फिल्म मेकर कास्ट करने को राजी हुए थे। शर्त यह थी कि अगर बिग बी मुमताज को अपने साथ काम करने के लिए राजी कर लेंगे, तो वे उन्हें अपनी फिल्म का हीरो बना देंगे।

अब अमिताभ समझ गए कि यह उनका आखिरी मौका है। उन्होंने किसी तरह मुमताज को फिल्म में काम करने के लिए मना ही लिया। फिल्म में अमिताभ बच्चन का डबल रोल था, मुमताज जैसी एक्ट्रेस थीं, फिर भी लोगों को लगता था कि फिल्म फ्लॉप होगी और ऐसा ही हुआ। फिल्म ‘बंधे हाथ’ के फ्लॉप होने के बाद अमिताभ बच्चन बुरी तरह टूट गए थे।

बता दे की अमिताभ ने मुंबई छोड़ने का फैसला किया, मगर महमूद के भाई अनवर अली ने उन्हें किसी तरह कुछ और दिन मुंबई में रुकने के लिए मना लिया। अमिताभ को फिर ‘जंजीर’ में काम करने का मौका मिला।

फिल्म रिलीज होने के बाद वे रातोंरात सुपरस्टार बन गए। ‘जंजीर’ की सफलता के चलते फिल्म ‘बंधे हाथ’ को जब दोबारा रिलीज किया गया, तो यह फिल्म कई जगह सफल रही। ‘जंजीर’ ने अमिताभ बच्चन को बॉलीवुड में स्थापित कर दिया। बता दे की आज बिग बी 80 साल की उम्र में भी फिल्मों में सक्रिय हैं।