एक दुर्घटना में एक्ट्रेस बिंदु ने अपना बच्चा खो दिया था , इसके बाद दोबारा कभी मां नहीं बन पाई

एक्ट्रेस बिंदू उर्फ़ मोना डॉर्लिंग : 

अपने नेगेटिव किरदार के लिए फेमस रहीं एक्ट्रेस बिंदू को आज भी लोग ‘मोना डॉर्लिंग’ के नाम से जानते है। एक दौर था, जब बॉलीवुड की नंबर वन लेडी विलेन में बिंदू का नाम भी शामिल था। बिंदू ने करियर की शुरुआत 1962 में आई फिल्म ‘अनपढ़’ से की थी। हालांकि इसमें उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया था। उन्हें पहचान 1969 में आई फिल्म ‘इत्तेफाक’ और ‘दो रास्ते’ से मिली। इसके बाद 1970 में आई ‘कटी पतंग’ में उनके कैबरे डांस को काफी पॉपुलैरिटी मिली। बिंदू को 15 साल की उम्र में अपने पड़ोसी चंपक लाल झावेरी से प्यार हो गया था। बिंदू ने 18 साल की उम्र में ही चंपक से शादी कर ली थी। 

ऐसी थी एक्ट्रेस की लव स्टोरी 

एक इंटरव्यू के दौरान बिंदू ने कहा था- मेरे पति मेरे पड़ोसी थे। मैं लगभग 14-15 साल की थी, जब हमारा रोमांस शुरू हुआ था। मैं उन दिनों फिल्म ‘अनपढ़’ की शूटिंग कर रही थी। शुरुआत में हमें विरोध का सामना करना पड़ा। लेकिन बाद में, मेरा परिवार भी राजी हो गया था। फिर हमने शादी कर ली। वे मुझसे आउटिंग का कहते थे और मैं उनसे कुछ वक्त मांगकर फिर जवाब नहीं देती थी। जाहिर तौर पर उन्हें गुस्सा आता था, लेकिन वे कभी इसे जाहिर नहीं करते थे। मुझे अहसास हो गया था कि यह सिर्फ आकर्षण नहीं है, बल्कि वे मुझसे सच्चा प्यार करते हैं।

इस दुर्घटना ने छिन लिया एक्ट्रेस ने उनका बच्चा 

1977 से 1980 के बीच का दौर बिंदू के लिए बेहद दुखद रहा। बिंदू ने एक इंटरव्यू में कहा था, “हमने बेबी प्लान किया और मैं प्रेग्नेंट भी हुई। प्रेग्नेंसी के तीन महीने बाद मैंने काम करना बंद कर दिया। लेकिन सातवें महीने में मेरा मिसकैरेज हो गया। मैं पूरी तरह टूट गई। मेरे हसबैंड भी बहुत निराश हुए। बता दें कि इस हादसे के बाद बिंदू दोबारा कभी मां नहीं बन पाईं। मां को स्टेज पर परफॉर्म करते देख उनके मन में भी एक्ट्रेस बनने का ख्याल आने लगा था। लेकिन उनके पिता नानूभाई देसाई उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे। बिंदू के मुताबिक, 7 बहनों और 1 भाई में वे सबसे बड़ी थीं। इसलिए जब उनके पिता बीमार पड़े तो परिवार की जिम्मेदारी उन पर आ गई थी। 

कुछ डॉक्युमेंट्रीज में भी काम किया 

आगे एक्ट्रेस ने बताया की पिताजी कहते थे- तुम मेरा बेटा हो। पिता के निधन के बाद फैमिली के सपोर्ट के लिए मैं मॉडलिंग करने लगी थी। शारीरिक बनावट के कारण मैं 11 की उम्र में ही 16 साल की लगती थी। जब तक मोहन कुमार की फिल्म ‘अनपढ़’ मुझे नहीं मिली थी, तब तक मैंने कुछ डॉक्युमेंट्रीज में भी काम कर लिया था। बिंदू के असली बॉलीवुड करियर की शुरुआत शादी के बाद ही हो पाई थी। शादी के एक साल बाद उन्होंने राजेश खन्ना के साथ ‘दो रास्ते’ (1969) साइन की। जब वे इस फिल्म की शूटिंग कर रही थीं, तभी उनके हाथ में ‘इत्तेफाक’, ‘डोली’ और ‘आया सावन झूम के’ जैसी फिल्में आ ग

इन फिल्मो से नाम मिला ‘ मोना और शब्बो’ 

1973 में डायरेक्टर प्रकाश मेहरा की फिल्म ‘जंजीर’ ने न सिर्फ अमिताभ बच्चन को पहचान दिलाई बल्कि बिंदू को भी नया नाम दिया। फिल्म में उनके किरदार का नाम ‘मोना’ था, जिसे विलेन अजीत ‘मोना डार्लिंग’ कहकर बुलाते थे। आज भी बिंदू को कई लोग इसी नाम से जानते हैं। मोना डार्लिंग बनने से पहले बिंदू ‘शब्बो’ के नाम से मशहूर थीं। यह नाम उन्हें राजेश खन्ना की फिल्म ‘कटी पतंग’ (1971) में उनके किरदार शबनम के कारण मिला था

 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *