बॉलीवुड की इन एक्ट्रेस ने दिखा दिया की वो पुरुषो से ज्यादा मजबूत और सहनसील , फिल्मो में दिए है जबरदस्त एक्शन सीन्स
यह अभिनेत्रियां कर रही एक्शन सीन :
हिंदी सिनेमा की शुरुआत से ही एक्शन जानर में पुरुषों का दबदबा रहा है, पर अब इसमें भी अभिनेत्रियां अपना जलवा दिखा रही हैं। प्रियंका चोपड़ा, दीपिका पादुकोण, कंगना रनोट, कट्रीना कैफ समेत कई अभिनेत्रियां एक्शन सीन कर रही हैं। एक्शन की दुनिया में महिलाओं की बढ़ती धमक, निर्माताओं और दर्शकों के बदलते रवैये को दे रही है चुनौतियां।
इन फिल्मो में किए थे एक्शन सीन
महिलाओं के मुद्दों को लेकर हालीवुड बॉलीवुड से ज्यादा प्रायोगिक रहा है और यह बात एक्शन के मामले में भी लागू होती है। हालीवुड में अब तक ‘एलियन’, ‘द लांग किस गुडनाइट’, ‘किल बिल’, ‘मैड मैक्स- फ्यूरी रोड’, ‘वंडर वुमन’ , ‘कैप्टन मार्वेल’, ‘एक्स मेन- डार्क फोनिक्स’ और ‘ब्लैक विडो’ समेत कई महिला प्रधान एक्शन फिल्में कर चुकी हैं। जिनमें अभिनेत्रियों ने दांतों तले उंगली दबा लेने वाले एक्शन सीन किए हैं। हिंदी सिनेमा में पिछली सदी के सातवें, आठवें और नौवें दशक में हेमा मालिनी, रेखा और श्रीदेवी जैसी अभिनेत्रियों ने ‘रजिया सुल्तान’, अंधा कानून, खून भरी मांग और ‘शेषनाग’ जैसी फिल्मों में कुछ एक्शन किया था। उसके बाद अभिनेत्रियों को ज्यादातर एक्शन से दूर ही रखा गया। फिल्म ‘द्रोणा’ और ‘चांदनी चौक टू चाइना’ में प्रियंका चोपड़ा और दीपिका पादुकोण के कुछ शानदार एक्शन सीन थे। ‘टाइगर’ , ‘कृष 3’, ‘बेबी’ फिल्मों में क्रमश: कट्रीना कैफ, कंगना रनोट और तापसी पन्नू के भी एक्शन सीन शानदार रहे।
ये कुछ महिलाओ की प्रधान फिल्में आईं
इसी बीच मैरी काम, मर्दानी, अकीरा, जय गंगाजल और मणिकर्णिका- द क्वीन आफ झांसी जैसी कुछ महिला प्रधान फिल्में आईं। जिनमें सिर्फ महिलाओं का एक्शन केंद्र में रहा। आगामी दिनों में कंगना रनोट, दीपिका पादुकोण, कट्रीना कैफ और कृति सैनन भी क्रमश: ‘धाकड़’, ‘पठान’, ‘टाइगर 3’ और ‘गणपत’ फिल्मों में जबरदस्त एक्शन करती नजर आएंगी।
हुमा कुरैशी ने एक्शन को लेकर कहा
इमोशन हो या एक्शन अब महिलाएं पुरुष कलाकारों को बराबरी की टक्कर देती नज़र आ रही हैं। तेलुगु फिल्म ‘वलिमै’ में एक्शन करने वाली अभिनेत्री हुमा कुरैशी एक्शन को लेकर कहती हैं, ‘बाईक चेज, लड़ाई, कार चेज या स्टंट कोई भी एक्शन सीक्वेंस हो, हमें भी एक्शन करने में उतना ही मजा आता है, जितना लड़कों को आता है। ‘वलिमै’ में मैंने पहली बार पुलिस अधिकारी का किरदार निभाया। इस फिल्म में निर्देशक ने मुझे बहुत कमाल के एक्शन सीक्वेंस दिए थे। इस फिल्म के लिए एक्शन और चेज सीक्वेंस की शूटिंग करने के बाद मैंने अपने निर्देशक के चेहरे पर जो खुशी देखी, वो मेरे लिए सबसे बड़ा अवार्ड है। इसके लिए मैंने दस दिनों की किक और पंचिंग जैसी बेसिक एक्शन ट्रेनिंग की थी। लड़कियों को तो वैसे भी एक्शन करना चाहिए।
पुरुषो से ज्यादा ताकतबर है महिलाये
हमें इसका लेट अहसास हुआ कि किसी काम का महिला या पुरुष से कोई लेना-देना नहीं है। मैंने यह देखा है कि जब कोई आदमी दिन भर अपने आफिस का काम करके आता है, तो वह और कोई काम करने के लायक नहीं रहता है। वहीं महिलाएं आफिस से आने के बाद खाना बनाती हैं, बच्चों की देखभाल करती हैं और सारा काम करती हैं। सामान्यत: पुरुष बहुत कम समय के लिए ही शारीरिक तौर पर महिलाओं से मजबूत होते हैं, जब वो जवान होते हैं। उसके पहले और बाद में महिलाएं उनसे कहीं ज्यादा मजबूत होती हैं। इसलिए महिलाएं हर मामले में पुरुषों की तुलना में ज्यादा मजबूत होती हैं। उनमें किसी दर्द या पीड़ा सहने की क्षमता भी पुरुषों से कहीं ज्यादा होती है। पुरुषों में अहंकार बहुत ज्यादा है, इसलिए हमें यह अहसास करने और स्वीकार करने में ज्यादा समय लगा।