दीप्ति नवल : ‘चमको’ डिटर्जेंट पाउडर से चमकी थी किस्मत , नहीं किया था एक्टिंग में कोई कोर्स
अभिनेत्री दीप्ति नवल :
अभिनेत्री दीप्ति नवल की फारुख शेख के साथ 1981 में आई फिल्म ‘चश्मे बद्दूर’ ने उन्हें एक बड़ी अदाकारा बना दिया। दीप्ति की पहचान हमेशा एक नान-ग्लैमरस, ऑर्ट फिल्मों की हीरोइन के रूप में ही रही है। ऐसा नहीं था कि उनकी फिल्में सफल नहीं हुईं लेकिन उन्होंने चमक-दमक वाली फिल्मों से जान-बूझकर दूरी बनाए रखी।
ऑर्ट फिल्में को ही चुना एक्ट्रेस
दीप्ति नवल कहती हैं, ”उस जमाने में मुझे हर तरह की फिल्में ऑफर हुईं, कॉमर्शियल, बी-ग्रेड और अच्छी फिल्में भी लेकिन मुझे उन फिल्मों का माहौल नहीं पसंद आया। मैंने तय किया कि मैं ऑर्ट फिल्में ही करूंगी वही मुझे सूट भी करता था”।
डिटर्जेंट पाउडर के ऐड में किया था काम
दरवाजे पर घंटी बजती है। खोलने पर सामने एक सेल्स गर्ल हाथ में चमको नाम का डिटर्जेंट पाउडर का डिब्बा लिए खड़ी थी। लड़की का नाम, फ़िल्मी पर्दे पर नेहा राजन और असल ज़िंदगी में दीप्ति नवल। दीप्ति मानती हैं कि उन्हें आज भी ‘चश्मे बद्दूर’ की अभिनेत्री के तौर पर बेहतर जाना जाता है।
70 से ज्यादा फिल्मों में किया काम
दीप्ति एक्टिंग का कोई कोर्स किए बिना ही इंडस्ट्री में आई थीं। उन्होंने 1978 में आई अपनी पहली फिल्म ‘जुनून’ से लेकर 2 साल पहले अमरीकी फिल्म लॉयन तक करीब 70 फिल्मों में अभिनय किया। इनमें से कुछ फिल्में उनके दिल के बेहद करीब हैं। जिनमें “अनकही, ‘मैं ज़िंदा हूं’, ‘लीला’ और ‘मेमोरीज इन मार्च’ शामिल है।