बॉलीवुड की ये मशहूर दादी-नानी तो आपको याद होगी ही, जो इन बड़े बड़े अभिनेताओ की माँ बन चुकी है

बॉलीवुड की मशहूर अभिनत्री सुषमा सेठ : 

बॉलीवुड में कई अभिनेत्रियों ने मां, चाची, मौसी, दादी और नानी के किरदारों को अपनी अभिनय से फिल्मों में जीवित  किया है। भले ही वह किरदार छोटे रहे, लेकिन महत्वपूर्ण रहे और दर्शकों पर अपनी छाप छोड़ सके। ऐसे ही कुछ किरदारों के लिए अभिनेत्री सुषमा सेठ को जाना जाता है। उन्होंने 70, 80 और 90 के दशक में कई फिल्मों में शानदार रोल किए हैं।  रील लाइफ में उन्होंने ऋषि कपूर से लेकर शाहरुख खान, अक्षय कुमार, ऋतिक रोशन, अनिल कपूर और प्रीति जिंटा समेत कई सितारों की दादी, मां और नानी के किरदार अदा किए हैं। ‘जुनून’, ‘सिलसिला’, ‘प्रेम रोग’, ‘तवायफ’, ‘नागिन’, ‘निगाहें’, ‘दीवाना’, ‘चांदनी’, ‘धड़कन’, ‘कभी खुशी कभी गम’ और ‘कल हो न हो’ जैसी फिल्मों ने इन्होंने काम किया है। 

टीवी सीरियल  ‘हमलोग’ से की थी शुरुआत

सुषमा सेठ को सबसे पहले सीरियल ‘हमलोग’ मिला था और इन्होंने इससे अपने पैर भी जमा लिए। ‘हमलोग’ में उन्होंने   इमरती देवी का किरदार निभाया था। ऐसी किरदार से वह दादी के रूप में मशहूर हो गईं। खुद उनको भी यह किरदार इतना पसंद आया था, कि उन्होंने किरदार सुनते ही हां कर दी थी। कहानी में एक ऐसा मोड़ आया था, जब दादी का रोल खत्म हो रहा था और उन्हें मरना पड़ता। जब इनके प्रशंसकों को पता चला तो उन्होंने दूरदर्शन को खूब चिट्ठियां लिखीं और कहा कि वह दादी को न मारें। इस बात का जिक्र खुद सुषमा सेठ ने कपिल शर्मा के ‘द कपिल शर्मा शो’ में किया था।

पहली फिल्म ‘जुनून’ (1978) में मिली 

सुषमा सेठ ने छोटे पर्दे पर जल्दी ही पहचान बना ली थी, लेकिन फिल्मी पर्दे तक पहुंचते-पहुंचते उन्हें काफी समय  लगा। 42 साल की उम्र में सुषमा सेठ को पहली फिल्म ‘जुनून’ (1978) मिली, जो श्याम बेनेगल के निर्देशन में बनी थी। यह फिल्म इनके करियर के लिए शानदार ओपनिंग थी। फिल्म में शशि कपूर, जेनिफर केंडल, नफीसा अली, टॉम ऑल्टर, शबाना आजमी, कुलभूषण खरबंदा, नसीरुद्दीन शाह, दीप्ति नवल, पर्ल पद्मश्री और खुद सुषमा सेठ ने मुख्य भूमिकाएं निभाई है। सुषमा सेठ ने फिल्म में शशि कपूर के किरदार जावेद खान की चाची का किरदार निभाया है। यहीं से सुषमा का फिल्मों में दादी और मां बनने का सिलसिला शुरू हो गया था।

‘सिलसिला’ फिल्म में हीरोइन के किरदार में नज़र आई

वर्ष 1981 में आई शशि कपूर, अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, रेखा और संजीव कुमार जैसे नामी सितारों वाली यह फिल्म यश चोपड़ा के निर्देशन और निर्माण में बनी थी। इस फिल्म में सुषमा सेठ ने किसी के रिश्तेदार का किरदार नहीं निभाया है। वह एक अभिनेत्री के किरदार में नजर आईं।

फिल्म ‘तवायफ’ के लिए मिला था सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार 

सुषमा सेठ एक काबिल अदाकारा रही हैं, लेकिन फिल्मों में उनके किरदार इतने बड़े नहीं रहे। हालांकि, वर्ष 1985 में आई इस फिल्म में सुषमा सेठ को अपनी अदाकारी थोड़े बड़े पैमाने पर दिखाने का मौका मिला। यहां वह एक कोठे की मालकिन अमीना बाई के किरदार में नजर आईं। बीआर चोपड़ा के निर्देशन में बनी इस रोमांटिक ड्रामा फिल्म में शानदार अभिनय के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया।

‘कल हो न हो’ 

यश जौहर और करण जौहर के निर्माण में फिल्म ‘कल हो न हो’ (2003) में सुषमा सेठ ने प्रीति जिंटा की दादी लज्जो कपूर का किरदार निभाया है। इस कपूर खानदान में जितने भी फैसले लिए जाते हैं, सब में नैना कैथरीन की दादी की भी सहमति होती है। हालांकि कुछ फैसलों को लेकर इस परिवार में विवाद पैदा होता है और बाद में जब लज्जो को अपनी गलती दिखाई देती है तो पछतावे के रूप में वह सुधार भी खुद ही करती हैं। निखिल आडवाणी के निर्देशन में बनी यह एक पारिवारिक रोमांटिक कॉमेडी ड्रामा फिल्म है, जिसमें जया बच्चन, शाहरुख खान, सैफ अली खान, प्रीति जिंटा मुख्य भूमिकाओं में और सुषमा सेठ, रीमा लागू, लिलेट दुबे, डेलनाज पॉल जैसे कलाकार सहायक भूमिकाओं में नजर आए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *