भारतीय सिनेमा की पहली Female Superstar थी ये Actress , फिर क्या हुआ जो 1940s की ब्यूटी क्वीन ने पीक पर छोड़ा करियर?
60 के दशक की सबसे मशहूर अभिनेत्री सायरा बानो ने हाल ही में अपना 79वां जन्मदिन मनाया। 60-70 के दशक में अपनी मासूमियत भरी खूबसूरती से करोड़ों दिलों पर राज किया। सायरा का अभिनय विरासत में मिला, क्योंकि उनकी मां भी एक शानदार अभिनेत्री थीं, लेकिन क्या आप जानते हैं उन्होंने अपनी बेटी की खातिर करियर के पीक पर एक्टिंग से दूरियां बनाई थी।

आपको बता दे की सायरा बानो की मां नसीम बानो 40 के दशक की मशहूर अभिनेत्री थीं और उन्हें हिंदी सिनेमा की पहली महिला सुपरस्टार कहा जाता है। उन्हें अपने दौर की ब्यूटी क्वीन कहा जाता था और फिर उनकी बेटी भी खूबसूरती में किसी से कम नहीं थी ।

जब सायरा 3 साल की थीं, तब उनके पिता बंटवारे के दौरान पाकिस्तान चले गए थे। बचपन से ही सायरा बानो के दो ही सपने थे। पहला सपना अपनी मां की तरह ब्यूटी क्वीन या सुपरस्टार कहलाना था और दूसरा सपना महान अभिनेता दिलीप कुमार से शादी करना था।बता दे की उनके दोनों सपने सच हो गये थे। आइये जानते है, नसीम बानों के बारे में
गौरतलब है कि सायरा की मां नसीम बानो ने सायरा को अभिनेत्री बनाने के लिए अपने करियर का बलिदान दे दिया था, जबकि वे अपने समय की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्रियों में से एक थीं। उनकी पहली फिल्म Khoon Ka Khoon थी और Chaddian Di Doli उनकी आखिरी मूवी थी। उन्होंने 1930 से 1950 के दशक की फिल्मों में काम किया था, और उस दौर में सबसे ज्यादा सैलरी 3500 रुपए लेने वाली एक्ट्रेस थीं।
कुछ महीनों के बाद नसीम बानो अपने बच्चों के साथ भारत लौट आईं और फिल्मों में काम करने लगीं। सायरा बानो हमेशा से अभिनेत्री बनने का सपना देखती थीं लेकिन उनकी मां इसके खिलाफ थीं।

वो चाहती थीं कि सायरा वकील या डॉक्टर बनें। चूंकि सायरा बानो पढ़ाई में अच्छी थीं, इसलिए उनकी मां ने उन्हें पढ़ाई के लिए लंदन भेज दिया। तब सायरा सिर्फ छुट्टियों में ही भारत आती थीं।


