“राख” – जो न बन सकी आमिर खान की पहली फिल्म जाने आखिर क्यों
यह उस दौर की फिल्म है जब आमिर खान न तो सुपर स्टार थे और न ही मिस्टर परफेक्शनिस्ट न ही संतोष सिवन या आदित्य भट्टाचार्य ( बासु भट्टाचार्य के पुत्र ) को कोई जानता था। यह बात है 1989 की जब तीस बरस से भी कम उम्र के कुछ युवाओं ने मिलकर एक ऐसी फिल्म बनाई जो अपने समय से कहीं आगे की फिल्म थी। यह फिल्म थी राख। यानि आमिर खान की पहली फिल्म।
भले ही यह फिल्म कयामत से कयामत तक के बाद रिलीज हुई हो, ज्यादातर लोग इस तथ्य से वाकिफ नहीं हैं कि आमिर की पहली फिल्म राख ही थी। उनकी चॉकलेट ब्वाय वाली इमेज के बिल्कुल विपरीत आमिर ने डार्क शेड की इस फिल्म में काम करके जिस साहस का परिचय दिया था उसके लिए आज भी वे तारीफ के काबिल हैं। खुद आमिर इस फिल्म के बारे में कहते हैं, ‘मैंने इस फिल्म के लिए बहुत कड़ी मेहनत की थी, मैंने खुद को लगभग इस फिल्म में झोंक दिया था… इस फिल्म के निर्माण के दौरान मैंने बहुत कुछ सीखा भी…’ तब उनकी उम्र थी महज 24 बरस। फिल्म में काम किया था सुप्रिया पाठक जो बाद में पंकज कपूर की पत्नी भी हुई । जगदीप की भी इस फिल्म में एक अहम् भूमिका थी ।
इस फिल्म की लगभग पूरी शूटिंग रात में हुआ करती थी, आदित्य और नुसरत ( आमिर की बहन ) ने इस फिल्म की पटकथा लिखी।
इस फिल्म से सिनेमा में आज के कई दिग्गजों ने कदम रखा। जैसे कि असाधारण प्रतिभा वाले छायाकार और निर्देशक संतोष सिवन तमाम विज्ञापन फिल्मों में अपने संगीत के लिए पहचाने जाने वाले रंजीत बारोट ( पुत्र सितारा देवी – कत्थक डांसर ) और राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाले संपादक श्रीकर भट्टाचार्य
गौर करें तो यह अपने समय से आगे की फिल्म थी। यह इंडिपेंडेंट सिनेमा के क्षेत्र में अनूठा प्रयास था ऐसी फिल्मो को ओफ्फबीट फिल्म भी कहा जाता है ।
पंकज कपूर ने सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार पाया था। जबकि आमिर और आदित्य को राष्ट्रीया फिल्मो की लिए विशेष नामांकन । ( अभिनेता / पटकथा )