जब गुरु दत्त ने कहा ‘तुम मेरे भूतनाथ हो’ , जानिए अभिनेता बिस्वाजीत चटर्जी की दिलचस्प कहानी
70 और 80’s के चार्मिंग एक्टर बिस्वाजीत चटर्जी:
हिंदी सिनेमा के 70 और 80’s के चार्मिंग हीरो रहे बिस्वाजीत चटर्जी। बिस्वाजीत चटर्जी का जन्म साल 1936 में 14 दिसंबर को हुआ। दिग्गज अभिनेता राज कपूर के साथ अपना जन्मदिन शेयर करते हैं। दस साल की उम्र में करियर की शुरुआत करने वाले अभिनेता बिस्वाजीत एक कार्टूनिस्ट और पेंटर थे, बाद में उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखा और उस जमाने के कई दिग्गजों के साथ काम किया। जानिए अभिनेता बिस्वाजीत के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें और गुरुदत्त के साथ उनका एक दिलचस्प किस्सा।
घर में नहीं थी फिल्मो में काम करने की अनुमति
अभिनेता बिस्वाजीत के पिता आर्मी में डॉक्टर थे और इसलिए उनका बचपन लखनऊ स लेकर, मेरठ कराची आदि कई जगहों पर बीता और यही वजह रही कि बांगाली होते हुए भी बिस्वाजीत चटर्जी की हिंदी भाषा पर भी अच्छी पकड़ बन गई। जिस समय में बिस्वाजीत चटर्जी ने अपनी अभिनय में पहचान बनाई उस समय उनके घर में फिल्मों में काम करने की अनुमति नहीं थी।
घर वालो से छुप छुप कर किया था फिल्मो में काम
घर में इजाजत न मिलने की वजह से बिस्वाजीत चटर्जी ने छुप-छुपकर फिल्मों में काम शुरू किया लेकिन रिलीज से पहले ही घर में सबको यह बात पता चल गई, जिसके बाद अभिनेता को घर भी छोड़कर जाना पड़ा। बंगाली फिल्म में उन्होंने भगवान श्री कृष्ण का किरदार अदा किया, लेकिन इसके बाद उन्हें इसी तरह के रोल ऑफर होने लगे, जिसके बाद उन्होंने कुछ अलग करने का फैसला किया।
इस फिल्म में देखने के बाद गुरु दत्त ने एक्टर से कहा
उस जमाने के जाने-माने अभिनेता, निर्देशक और निर्माता रहे, गुरुदत्त को सस्पेंस थ्रिलर्स के लिए जाना जाता था। गुरुदत्त ने बिस्वाजीत चटर्जी को फिल्म ‘साहेब बीवी गुलाम’ में देखा था और इसी फिल्म के बाद उन्होंने कहा कि ‘तुम मेरे भूतनाथ हो’ तुमको मुंबई आना होगा। इसके बाद गुरुदत्त ने मीना कुमार और वहीदा से भी उनकी मुलाकात करवाई लेकिन उस वक्ति बिस्वाजीत चटर्जी एक कॉन्ट्रैक्ट साइन कर चुके थे और इसी वजह से वह उनकी फिल्म में काम नहीं कर पाए। फिर हेमंत कुमार की फिल्म के लिए बिस्वाजीत दोबारा मुंबई आए और इस फिल्म से उन्हें जबरदस्त लोकप्रियता हासिल हुई।